किसी भी वक्त बढ़ सकता है कर्मचारियों का चार फीसदी डीए, महंगाई भत्ता 50 फीसदी होते ही होगा 8th Pay Commission के लिए हल्लाबोल

8th Pay Commission Employees' DA can increase by four percent at any time

Update: 2024-01-02 09:28 GMT

केंद्र सरकार में आठवें वेतन आयोग को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठन, आंदोलन की राह पर जा सकते हैं। पिछले साल की दूसरी छमाही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद महंगाई भत्ता यानी 'डीए' की दर 42 से बढ़कर 46 फीसदी हो गई थी। अब पहली जनवरी 2024 से सरकारी कर्मियों के महंगाई भत्ते में 4 से 5 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।

स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, कर्मियों के डीए की मौजूदा दर 46 फीसदी है। जनवरी 2024 से जब इस दर में चार या पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी, तो वह आंकड़ा 50 फीसदी या उसके पार हो जाएगा। तब केंद्र सरकार के समक्ष, दमदार तरीके से 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके लिए कर्मचारी संगठन, हल्लाबोल करने से गुरेज नहीं करेंगे।

139.1 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ सूचकांक

भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा 31 दिसम्बर 2023 को नवंबर 2023 के लिए जारी अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू में 0.7 अंकों की वृद्धि दर्ज हुई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अब 139.1 (एक सौ उनतालीस अंक एक) पर पहुंच गया है। इसके आधार पर जनवरी 2024 से अपेक्षित डीए/डीआर में 4 फीसदी की वृद्धि अनुमानित है। जनवरी 2024 से अपेक्षित डीए/डीआर बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा। श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है। यह संकलन, आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी होता है। दिसंबर 2023 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्लू) 0.7 अंक बढ़कर 139.1 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.51 फीसदी की वृद्धि रही है। एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.23 सूचकांक स्थिर रहा था।

0.65 बिंदु प्रतिशतता से प्रभावित हुआ बदलाव

सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय समूह का रहा है, जिसने कुल बदलाव को 0.65 बिंदु प्रतिशतता से प्रभावित किया है। मदों में चावल, गेंहू का आटा, ज्वार, अरहर, दाल/तूर दाल, मुर्गी के अंडे, तिल का तेल, ताजा नारियल पल्प के साथ, गाजर, ड्रम स्टिक, फ्रेंच बीन, लहसुन, भिंडी, प्याज, टमाटर, चीनी, जीरा, तैयार भोजन, जर्दा किमाम/सुर्ती, गुटका, तंबाकू पत्ता, सिलाई प्रभार, रेडीमेड ट्राउजर पैंट्स, चमड़े के सैंडल चप्पल स्लिपर्स, घरेलू बिजली प्रभार, किताबें स्कूल/आईटीआई, ट्यूशन एवं अन्य फीस कालेज, इत्यादि सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे हैं। इसके विपरित, मुख्यत: ताजा मछली, पोल्ट्री / चिकन, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी का तेल, सेब, केला, अंगूर, संतरा, शिमला मिर्च, फूलगोभी, हरी मिर्च, अदरक, नींबू, मटर, एलोपेथिक दवाईयां, इत्यादि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित किया है।

36 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच रही वृद्धि

केंद्र स्तर पर त्रिरुनेवेली के सूचकांक में अधिकतम 4.1 अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। अन्य तीन केंद्रों पर 3 से 3.9 अंक, 5 केंद्रों में 2 से 2.9 अंक, 19 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक तथा 36 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि रही है। इसके विपरित गुरुग्राम में अधिकतम 1.5 अंक तत्पश्चात अहमदाबाद एवं कोलम, प्रत्येक में 1.0 अंक की कमी दर्ज की गई है। अन्य 18 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच कमी रही है। शेष 3 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे हैं। नवंबर 2023 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 4.45 फीसदी तथा गत वर्ष के इसी माह के 5.41 फीसदी की तुलना में 4.98 फीसदी रहा है। खाद्य स्फीति दर पिछले माह के 6.87 फीसदी एवं एक वर्ष पूर्व इसी माह के 4.30 फीसदी की तुलना में 7.95 फीसदी रहा।

...तो हो जाएगी कर्मियों की सेलरी रिवाइज

पिछले कई वर्षों से केंद्रीय कर्मियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। इस साल जनवरी में भी डीए की दरों में चार से पांच फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मियों की सेलरी रिवाइज होगी। कई तरह के भत्तों में भी 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाएगी। केंद्र सरकार को आठवें वेतन आयोग का गठन करना होगा। उस स्थिति में केंद्र सरकार के कर्मियों को बंपर खुशखबरी का अहसास होगा। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में 'पे' रिवाइज हर दस साल में ही हो, यह जरूरी नहीं है। इस अवधि का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह पीरियोडिकल भी हो सकता है। हालांकि वेतन आयोग ने इसकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी है कि कब और कितने समय बाद वेतन आयोग गठित होना चाहिए।

दो करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनरों में नाराजगी

8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर केंद्र सरकार ने दो टूक जवाब दिया है कि अभी इसके गठन का कोई विचार नहीं है। इस पर करीब दो करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनरों की नाराजगी देखी जा रही है। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा आठवां वेतन आयोग गठित न करने के फैसले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है। अब 'भारत पेंशनर समाज' ने भी 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठाई है। साथ ही कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर जारी करने के लिए सरकार से आग्रह किया है। 'भारत पेंशनर समाज' (बीपीएस) के महासचिव एससी महेश्वरी ने बताया, 68वीं एजीएम के दौरान यह प्रस्ताव पास किया गया है कि अविलंब आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि मौजूदा परिस्थितियों में बिना किसी विलंब के आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए।

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