राज्यसभा में नरेंद्र तोमर की कृषि कानून पर विपक्ष को खरी-खरी, 'खून से खेती' सिर्फ कांग्रेस कर सकती है, बीजेपी नहीं

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगर हमारी सरकार कानून में बदलाव कर रही है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि कृषि कानून गलत है. 

Update: 2021-02-05 08:12 GMT

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के मसले पर शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष को जवाब दिया। तोमर ने कहा, 'अगर सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है तो इसके ये मायने नहीं लगाने चाहिए कि कृषि कानून में कोई गलती है। यह एक ही राज्य का मसला है। कॉन्ट्रैक्ट एक्ट में कोई एक प्रावधान बता दीजिए जो किसान विरोधी हो। किसानों को बरगलाया गया है। दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भाजपा ऐसा नहीं कर सकती।'

किसान आंदोलन पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है. लेकिन इन कानूनों में 'काला' क्या है, कोई ये भी बताए. कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा. अगर APMC के बाहर कोई ट्रेड होता है, तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा.

कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का एक्ट राज्य सरकार के टैक्स को खत्म करता है, लेकिन राज्य सरकार का कानून टैक्स देने की बात करता है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो टैक्स लेना चाह रहा है, आंदोलन उनके खिलाफ होना चाहिए लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पंजाब सरकार के एक्ट के मुताबिक अगर किसान कोई गलती करता है, तो किसान को सजा होगी. लेकिन केंद्र सरकार के एक्ट में ऐसी कोई बात नहीं है.

कृषि मंत्री बोले कि हमने किसान संगठनों के साथ 12 बार बात की, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा और बार-बार यही कहा है कि आप क्या बदलाव चाहते हैं वो हमें बता दीजिए. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगर हमारी सरकार कानून में बदलाव कर रही है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि कृषि कानून गलत है.

कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसके मुताबिक किसान कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से अलग हो सकता है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सरकार ने काम किया और किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा. करीब दस करोड़ से अधिक किसानों को 1.15 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में भेजा गया है.

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