बीजेपी लंबे समय से 'वन नेशन-वन इलेक्शन' (एक देश, एक चुनाव) की बात कह रही है. इस सिलसिले में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मसले पर विचार विमर्श के लिए बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति बी एस चौहान से मुलाकात की. विधि आयोग के अध्यक्ष को इसने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का इससे संबंधी पत्र भी सौंपा. बैठक करीब 50 मिनट चली.
चुनाव के खर्च में होगी कमी
बीजेपी ने देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की परिकल्पना का विधि आयोग के समक्ष समर्थन करते हुए कहा है कि इससे चुनाव में होने वाले बेतहाशा खर्च को कम करने के साथ विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा भाजपा नेता विनय सहस्रबुद्धे, भूपेंद्र यादव और अनिल बलूनी शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय पर विधि आयोग के समक्ष अपनी बात रखी. बैठक के बाद नकवी ने कहा कि हमारी पार्टी का रुख है कि एक साथ चुनाव कराया जाएं. इस विषय पर विधि आयोग से चर्चा हुई, अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, ''पार्टी इसके पक्ष में है.''
तीन प्रमुख वजहें
नकवी ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव हो, इसके पक्ष में तीन प्रमुख कारक हैं. लगातार चुनाव का सिलसिला जारी रहने के चलते आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य प्रभावित होता है. इसके साथ ही चुनाव खर्च में भी बेतहाशा वृद्धि होती है. उन्होंने कहा कि चुनाव का लगातार सिलसिला जारी रहने से वास्तविक मुद्दे पर ध्यान नहीं होता और जनता से जुड़े विषय प्रभावी ढंग से नहीं उठ पाते. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब से देश में एक देश, एक चुनाव का माहौल बना है, तब से चुनावी प्रक्रिया के सबसे बड़े पक्षकार मतदाताओं ने इसका स्वागत किया है.
विपक्ष का विरोध
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव की परिकल्पना के प्रति असहमति व्यक्त कर चुकी है. पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और सिंघवी ने हाल ही में विधि आयोग से कहा कि एक साथ चुनाव भारतीय संघवाद की भावना के खिलाफ है. इसके बरक्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर जोर देते रहे हैं.
(इनपुट: एजेंसियां)