Adani- Modi पर एक और बड़ा खुलासा

मारिसस, the British Virgin Islands, UAE देशों में शेल कंपनियाँ बनाईं गईं। ये शेल कंपनियाँ Adani की कंपनियों से लिंक थीं। क्योंकि ये दोनों ही चीनी(ताइवानी) और UAE के एजेंट Adani से जुड़ी कंपनियों में डायरेक्टर रहे हैं।

Update: 2023-08-31 04:09 GMT


@ShyamMeeraSingh

आज इंटरनेशनल मीडिया संस्थान-Financial Times और The Guardian में हमारे प्रधानमंत्री और उनके मित्र Adani की फ्रॉडगिरी पर दो बड़ी रिपोर्ट आईं हैं। इन दोनों रिपोर्ट्स का सार ये है कि इस चीनी एजेंट- Chang Ching Ling और दुबई के एजेंट- Nasser Ali Shaban Ahli थ्रू Adani जी साल 2013 से अपना ब्लैक-मनी और हवाला का पैसा अपनी कंपनियों में लगा रहे हैं। ये दोनों Gautam Adani भाई Vinod Adani के आदमी हैं। इन दोनों के थ्रू-

मारिसस, the British Virgin Islands, UAE देशों में शेल कंपनियाँ बनाईं गईं। ये शेल कंपनियाँ Adani की कंपनियों से लिंक थीं। क्योंकि ये दोनों ही चीनी(ताइवानी) और UAE के एजेंट Adani से जुड़ी कंपनियों में डायरेक्टर रहे हैं।

अब इन्होंने इन शेल कंपनियों का पैसा- बरमूडा के Global Opportunities Fund नाम के इन्वेस्टमेंट फंड में लगाया। अब इस फंड का इस्तेमाल भारत में स्थित Adani की कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें बढ़ाने में लगाया। यानी मार्केट को आर्टिफीसियल तरीक़े से मेनीप्युलेट किया। यानी शेयरों की क़ीमतों को कृत्रिम माँग दिखाकर बढ़ाया-घटाया गया। इन दोनों एजेंटों के थ्रू- Global Opportunity Fund का पैसा- भारत स्थित- Emerging India Focus Funds (EIFF) और EM Resurgent Fund (EMRF) में लगवाया गया। जिसका पैसा Adani की कंपनियों में सीधे तौर पर लगाया गया।

इसमें सबसे इंट्रेस्टिंग बात ये है कि ये काम 2013 से ही किया जा रहा है। इसे लेकर 2014 के जनवरी महीने में भारत के फाइनेंस विभागों की ख़ुफ़िया एजेंसी- the Directorate of Revenue Intelligence (DRI) के हेड- नजीब शाह ने शेयर मार्केट को रेगुलेट(नियमन) करने वाली SEBI के हेड- Upendra Kumar Sinha को पत्र लिखा। और इस गड़बड़ी पर ध्यान आकर्षित किया। क्योंकि सेबी Adani की जाँच कर रही थी। लेकिन मई 2014 में ही नरेंद्र मोदी की सरकार आ गई। इसके बाद सेबी ने Adani की कोई जाँच ही नहीं की। हवाला और मनी-लैंड्रिंग से जुड़े दुनिया के सबसे बड़े मामले पर सरकार Adani को संरक्षण दे रही है। जबकि मार्केट मैनीपुलेशन से सबसे अधिक नुक़सान भारतीय निवेशकों का है। ऊपर से ये पैसा टैक्स के बाहर का है। यानी ब्लैक मनी का है। और ये कोई दस बीस सौ करोड़ रुपये की बात नहीं है। ये अरबों रुपये का मामला है। जिसे राजनीतिक कारणों से उस आदमी के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है जो ब्लैक मनी को ख़त्म करने के वायदे के साथ आया था। और आज उसी ब्लैक मनी का सबसे बड़ा संरक्षणकर्ता बन गया।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और रिसर्च करके वीडियो और लेख लिखते है। 

Financial Times- https://ft.com/content/8d46b435-9725-46d4-80be-2cb3e276c4c9

The guardian- https://theguardian.com/world/2023/aug/31/modi-linked-adani-family-secretly-invested-in-own-shares-documents-suggest-india

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