असम मुख्य सचिव के भाई एसपी संजीत कृष्णा लिए पेपर लीक मामले में लिए हिरासत में

असम पुलिस भर्ती घोटाले में एसपी हिरासत में लिए गए.

Update: 2020-10-15 14:40 GMT

असम सरकार के मुख्य सचिव के छोटे भाई एसपी संजीत कृष्णा को असम पुलिस ने हिरासत में लिया है. एसपी संजीत क्रष्णा पर पुलिस नौकरी परीक्षा पेपर लीक घोटाले का आरोप है. जिसकी जांच में उन्हें हिरासत में लिया गया है.  यह जानकारी मिली है. 

असम पुलिस परीक्षा पेपर लीक घोटाले में चार और लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अब इस मामले में हिरासत में लिए गए आरोपियों के संख्या 49 हो गई है.

असम पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, चार जिलों में कई टीमों की तरफ से लगातार दो दिन तक मारे गए छापों के बाद करीब 5.4 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है. गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक सरकारी कर्मचारी समेत तीन को बोंगाइगांव जिले में दबोचा गया, जबकि एक अन्य को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने गुवाहाटी से हिरासत में लिया है.

इस मामले में पुलिस ने पूरे राज्य में पांच मुकदमे दर्ज किए हैं. सीआईडी ने 20, नालबाड़ी जिला पुलिस ने 13, गुवाहाटी पुलिस अपराध शाखा ने 11 और लखीमपुर जिला पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लिया है. अब तक कारबी आंगलांग जिले के दीप्हू में दर्ज मुकदमे में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है. हालांकि पुलिस अब तक उस दोषी को पकड़ने में सफल नहीं हो सकती है, जिसने सोशल मीडिया के जरिये उम्मीदवारों को पेपर लीक किया था.

अभी दो दिन पहले हुआ ट्रांसफर 

असम पुलिस में फेरबदल में, दो एसपी रैंक के पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है और दो एएसपी रैंक के अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है. बता दें कि पुलिस उपायुक्त, गुवाहाटी (यातायात), मयंक कुमार, को करीमगंज जिले के एसपी के रूप में स्थानांतरित और तैनात किया गया है. करीमगंज के एसपी कुमार संजीत कृष्ण को स्थानांतरित कर दिया गया है और वह बारपेटा जिले के एफआरआरओ के रूप में कार्यभार संभालेंगे.

सभी इस सोच में पड़े हैं कि आखिर पेपर लीक के घोटाले के बाद और इससे सुलाझाने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने ऐसा क्यों किया. पुलिस प्रशासन ने ADCP, गुवाहाटी (यातायात) प्रणजीत बोरा को DCP, गुवाहाटी (यातायात) के रूप में पदोन्नत किया गया है, जबकि अपराध शाखा ADCP, नबनत महंत को पदोन्नत किया गया है और वे DCP, गुवाहाटी पश्चिम का पदभार संभालेंगे. अब देखना ये है कि पुलिस प्रशासन में कितना चोर छिपा है.

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