आजादी के बाद पहली बार एक साथ सैन्य अभ्यास करेंगी भारत-पाक की सेनाएं

आजादी के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब भारत-पाक की सेनाएं एक साथ सैन्य अभ्यास करेंगी

Update: 2018-08-22 11:47 GMT

नई दिल्ली: आजादी के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब भारत-पाक की सेनाएं एक साथ सैन्य अभ्यास करेंगी। रुस के शहर चेल्याबिंस्क में बुधवार से शुरू होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन के तहत बहुराष्ट्रीय देशों का संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होने जा रहा है जिसमें भारत पाक की सेनाएं भी हिस्सा लेने के लिए रुस पहुंच चुकी हैं।इस  अभ्यास को पीस मिशन-2018 नाम दिया गया है भारत-पाकिस्तान के अलावा इसमें चीन, किर्गिजिस्तान, तजाकिस्तान, कजाकस्तान, रूस के तीन हजार से अधिक सैनिक भाग ले रहे हैं। दोनों देशों के बीच अविश्वास की बड़ी खाई है ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर भारत और पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में कैसे एक दूसरे का सहयोग करेंगे।

भारत की ओर से इस अभ्यास में भारतीय थलसेना की 5-राजपूत रेजिमेंट के सैनिकों को भेजा गया है। भारतीय सैन्य टुकड़ी में थलसेना के 167 जवान और वायुसेना के 33 जवान भाग ले रहे है। इस संयुक्त अभ्यास का मकसद शांति की स्थापना करना और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए संगठन के 8 देशों के बीच एक-दूसरे का सहयोग करना है।

बताते चले कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश साल 2005 में इस संगठन के अस्थायी सदस्य बने थे और उन्हें पूर्णकालिक सदस्यता पिछले साल ही मिली है। एससीओ का साझा सैन्य अभ्यास साल में दो बार आयोजित होता है। इस साल सितम्बर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच द्विपक्षीय अभ्यास सितम्बर में करने की योजना भी है,जो बीते साल डोकलाम में तनाव की वजह से रद्द कर दिया गया था।

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