केरल के लिए भारत विदेशी सहायता क्यों नहीं ले रहा है
केरल में बाढ़ से हुई तबाही के बाद प्रशासन अब राहत और पुनर्वास के काम में जुटा है. पिछली एक सदी की सबसे बड़ी त्रासदी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है.;
नई दिल्ली
केरल में बाढ़ से हुई तबाही के बाद प्रशासन अब राहत और पुनर्वास के काम में जुटा है. पिछली एक सदी की सबसे बड़ी त्रासदी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है.
केरल की बाढ़ आपदा के लिए विदेश से सहायता के वादे किए जा रहे हैं. संयुक्त अरब अमीरात ने 700 करोड़ रुपए की मदद देने का ऐलान किया. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसकी जानकारी दी थी.मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. उन्होंने कहा कि दोनों के बीच बातचीत राहत और बचाव कार्य की मौजूदा स्थिति पर हुई.केरल सरकार ने विशेष सहायता में केंद्र सरकार से 2,000 करोड़ रुपए मांगे हैं. लेकिन केंद्र ने जो सहायता राशि दी है, वो इससे काफ़ी कम है.लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक विदेशी सहायता को स्वीकार नहीं किया है और सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना भी की जा रही है. आलोचक कह रहे हैं कि केरल को खाने के पैकेट और कपड़ों की ज़रूरत है.