हैदराबाद एनकाउंटर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने दिया बड़ा बयान

Update: 2019-12-07 09:50 GMT

नई दिल्ली। हैदराबाद में गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने की घटना की आलोचना की है. जोधपुर में एक कार्यक्रम में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि न्याय कभी भी आनन-फानन में किया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर न्याय बदले की भावना से किया जाए तो अपना मूल चरित्र खो देता है।

जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, "मैं नहीं समझता हूं कि न्याय कभी भी जल्दबाजी में किया जाना चाहिए, मैं समझता हूं कि अगर न्याय बदले की भावना से किया जाए तो ये अपना मूल स्वरूप खो देता है". इस दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी वहीं मौजूद थे।

जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने भारत के 47वें चीफ जस्टिस के रूप में 18 नवंबर को शपथ ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलवाई. जस्टिस बोबड़ेलगभग 18 महीने तक चीफ जस्टिस के रूप में काम करेंगे और 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे. भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोगोई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में शीर्ष अदालत के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े की सिफारिश की थी।

बता दें कि जस्टिस अरविंद बोबड़े की कई अहम फैसलों में भूमिका रही हैं. इनमें अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद मामला शामिल है. जस्टिस बोबड़े पूर्व में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।


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