TV चैनलों पर सख्त सरकार! I&B मंत्रालय ने सैटेलाइट चैनलों के लिए जारी की एडवाइज़री, जानिए- क्या दी है हिदायत!

आज निजी टीवी समाचार चैनलों को झूठे दावे करने और सनसनीखेज सुर्खियों का उपयोग न करने की सलाह दी है.

Update: 2022-04-23 09:19 GMT

नई दिल्ली : TV चैनलों पर सरकार सख्त नजर आ रही है. रशिया-यूक्रेन कवरेज,जहांगीरपुरी विवाद और लाउडस्पीकर को लेकर डिबेट शो को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नाराजगी जताई है. साथ ही न्यूज चैनलों को एडवाइजरी जारी करके कहा है कि उकसाने वाली, असामाजिक,असंसदीय और उकसाने वाली हेडलाइन से बचें. केंद्र ने कहा कि सख्ती से केबल टेलिविजन नेटवर्क (रेग्युलेशन एक्ट) 1995 के निर्देशों का पालन करें. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज निजी टीवी समाचार चैनलों को झूठे दावे करने और सनसनीखेज सुर्खियों का उपयोग न करने की सलाह दी है.

मंत्रालय ने आज जारी एक विस्तृत परामर्श में केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 की धारा 20 के प्रावधानों का पालन करने का आह्वान किया है, जिसमें इसके तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता भी शामिल है.

मंत्रालय ने पाया है कि हाल के दिनों में कई सैटेलाइट टीवी चैनलों ने घटनाओं और इसके कवरेज को इस तरह से पेश किया है जो अप्रमाणिक, भ्रामक, सनसनीखेज किस्म के हैं। इसके साथ ही ऐसे मीडिया रिपोर्ट्स सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा और टिप्पणियों का उपयोग करते हुए पाए गए। यूक्रेन-रूस संघर्ष पर रिपोर्टिंग के मामले में मंत्रालय ने पाया है कि चैनल बढ़ाचढ़ाकर हेडलाइन बना रहे हैं और पत्रकारों ने निराधार और मनगढ़ंत दावे किए हैं और दर्शकों को उकसाने के लिए अतिशयोक्ति का इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही दिल्ली हिंसा के मामले में भी कुछ चैनलों ने सनसनीखेज सुर्खियों और हिंसा के वीडियो प्रसारित किए हैं। जिससे समुदायों के बीच सांप्रदायिक घृणा भड़क सकते हैं और शांति और कानून व्यवस्था बाधित हो सकती है। चैनलों ने अधिकारियों की हरकतों को सांप्रदायिक रंग देकर सुर्खियां बटोरने का काम किया है।

मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को असंसदीय, भड़काऊ और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा, सांप्रदायिक टिप्पणियों और अपमानजनक संदर्भों के प्रसारण के खिलाफ चेतावनी दी है। उल्लंघन के इन उदाहरणों का हवाला देते हुए, मंत्रालय ने आज प्रसारित कार्यक्रमों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और इसके तहत नियमों के उल्लंघन के खिलाफ दृढ़ता से सलाह दी है।

किसी खास सम्प्रदाय के वीडियो को दिखाकर साम्प्रदायिक तनाव को बढाने को लेकर हवा दी गई. मनगढ़ंत और सनसनीखेज हेडलाइन और अथॉरिटी के कार्रवाई को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. न्यूज डिबेट के दौरान कुछ न्यूज चनल ने असंसदीय,उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल और सामाजिक तौर पर अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल किया गया.

साम्प्रादायिक टिप्पणी की गई जिससे साम्प्रदायिक सौहार्य बिगाड़ने की कोशिश की गई. सरकार ने इसे गम्भीर चिंता जताई है और साथ ही सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसी चीजों से बचा जाए. डिबेट शो में अलग अलग प्रोग्राम के दौरान लाउडस्पीकर को लेकर आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल पर भी केंद्र ने नाराजगी जताई है.


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