Haryana Political Crisis: पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को लिखा पत्र, फ्लोर टेस्ट करवाने की उठाई मांग

Haryana Political Crisis: हरियाणा में इस वक्त सियासी बवाल मचा हुआ है। दरअसल, हाल ही में 3 विधायकों ने भाजपा सरकार के साथ अपना समर्थन वापस ले लिया है जिसके बाद कहा जा रहा है कि हरियाणा में नायाब सरकार अल्पमत में आ गई है।

Update: 2024-05-09 09:25 GMT

Haryana Political Crisis: हरियाणा में इस वक्त सियासी बवाल मचा हुआ है। दरअसल, हाल ही में 3 विधायकों ने भाजपा सरकार के साथ अपना समर्थन वापस ले लिया है जिसके बाद कहा जा रहा है कि हरियाणा में नायाब सरकार अल्पमत में आ गई है। वहीं अब पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है।

जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने लिखा है कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते हैं और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। उन्होंने लिखा है कि दो विधायकों के इस्तीफे के बाद सदन की संख्या 88है। बीजेपी के पास 40विधायक हैं और कांग्रेस के पास 30 ,जेजेपी के 6, हलोपा और इनेलो के पास 1-1है। ऐसे में सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है।

‘उनके पास विश्वास मत नहीं’

दुष्यंत चौटाला ने आगे लिखा, तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापिस लिया है। सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा है, इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाकर सरकार फ्लोर टेस्ट पास करे। वहीं इससे पहले भी दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि सरकार को गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा लेकिन ऐसा करने के लिए कांग्रेस को आगे आना होगा। बयान देते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा था,‘बीजेपी की सरकार अगर अल्पमत में है तो उसे गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे। अब ये कांग्रेस को सोचना है कि वो भाजपा सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाएगी या नहीं। आज हम विपक्ष के तौर पर सरकार गिराने के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार गिराने के लिए अब कांग्रेस को आगे बढ़ना है। जब तक व्हिप की ताकत है तब तक हमारे सभी विधायकों को पार्टी के आदेश के अनुसार वोट डालना पड़ेगा।’

सीएम नायब सैनी ने दी थी प्रतिक्रिया

वहीं इससे पहले बुधवार को सीएम नायब सैनी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के नेता अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए कोशिश करते रहे हैं लेकिन सरकार अल्पमत में नहीं है और बड़ी मजबूती से सरकार काम कर रही है। सरकार को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।

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