Household Savings: तीन साल में 9 लाख करोड़ रुपए घटी भारतीय परिवारों की बचत, 50 साल में सबसे कम

देश की जीडीपी में परिवारों के बचत की हिस्सेदारी घटकर 5.3% पर आ गई है जो 50 साल में सबसे कम है।

Update: 2024-05-08 06:42 GMT

भारतीय परिवारों की नेट सेविंग तीन वर्षों में 9 लाख करोड़ रुपए से अधिक घटी है। देश की जीडीपी में परिवारों के बचत की हिस्सेदारी घटकर 5.3% पर आ गई है जो 50 साल में सबसे कम है। सांख्यिकी मंत्रालय न की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में परिवारों की शुद्ध बचत 14.16 लाख करोड़ रुपए रह गई जो 2020-21 में 23.29 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई थी। बचत का यह आंकड़ा 5 वर्षों का सबसे निचला स्तर है।

इससे पहले नेट डोमेस्टिक सेविंग वर्ष 2017-18 में 13.05 लाख करोड़ रुपए था। भारतीय परिवारों पर बैंकों का कुल कर्ज भी 2022-23 में बढक़र 11.88 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो 2021-22 में 7.7 लाख करोड़ रुपए था।

14.2 लाख करोड़ रुपए रह गई 2022-23 में परिवारों की शुद्ध बचत

27.7 लाख करोड़ रही 2022-23 में भारतीय परिवारों की ग्रॉस सेविंग, जो 2021-22 में 26.1 लाख करोड़ था, यानी सेविंग में 14% का इजाफा हुआ। 15.6 लाख करोड़ रुपए भारतीय परिवारों की कुल देनदारी, जो 2021-22 में 9 लाख करोड़ रुपए थी, यानी कर्ज एक साल में 73% बढ़ गया। 1.79 लाख करोड़ रुपए हो गया म्यूचुअल फंड्स में परिवारों का कुल निवेश, जो 2021-22 में केवल 64,084 करोड़ रुपए था। 2.06 लाख करोड़ रहा शेयर और डिबेंचर में निवेश 2022-23 में, जो 2021-22 में केवल 1.07 लाख करोड़ था।

परिवारों की कुल बचत

  • 2018-19 14.9 7.9%
  • 2019-20 15.5 7.7%
  • 2020-21 23.3 11.7%
  • 2021-22 17.1 7.3%
  • 2022-23 14.2 5.3%

(भारतीय परिवारों की कुल बचत लाख करोड़ रुपए में

परिवारों पर बैंकों का कर्ज ऐसे बढ़ा

वर्ष लोन राशि जीडीपी में हिस्सेदारी

  • 2018-19 5.8 3.1%
  • 2019-20 4.8 2.4%
  • 2020-21 6.1 3.0%
  • 2021-22 7.7 3.3%
  • 2022-23 11.9 4.4%
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