Jharkhand Politics: झारखंड में शक्ति परिक्षण आज, क्या बहुमत साबित कर पाएंगे चंपई या होगा बड़ा ‘खेला’
Jharkhand Politics: बिहार के बाद अब झारखंड में सियासी तूफान आया हुआ है। जहां एक तरफ लैंड स्कैम मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होने के बाद चंपई सोरेन ने राज्य का बागडोर संभाला है वहीं दूसरी तरफ झारखंड का आज से दो दिवसीय सत्र है।;
Jharkhand Politics: बिहार के बाद अब झारखंड में सियासी तूफान आया हुआ है। जहां एक तरफ लैंड स्कैम मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होने के बाद चंपई सोरेन ने राज्य का बागडोर संभाला है वहीं दूसरी तरफ झारखंड का आज से दो दिवसीय सत्र है। जिसमें आज ही विधानसभा में विश्वास मत पेश किया जाएगा। विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए रविवार की रात झारखंड के विधायक राज्य में पहुंचे और रात में रांची सर्किट हाउस में रुके। दूसरी तरफ जेएमएम में बगावती सुर तेज हो गए हैं ऐसे में सबके मन में सिर्फ एक ही सवाल है कि क्या चंपई अपना बहुमत साबित करते हुए अपनी कुर्सी को बचा पाएंगे।
दरअसल, झारखंड में कुल विधायकों की संख्या 81 है और बहुमत के लिए 41 विधायक चाहिए। चंपई सरकार के पास 48 विधायक हैं जिनमें जेएमएम के 29, कांग्रेस के 16, राजद के 1 और सीपीआई (लिबरेशन) के एक विधायक शामिल है। फिलहाल चंपई सोरेन को कुल 43 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। लेकिन चंपई के समर्थन में विधायकों के बगावती सुर भी उठने लगे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झामुमो के एक विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने आलोचना की है। जिनके इस्तीफे के बाद नई सरकार गठित हुई। इसके अलावा, तीन और विधायक कथित तौर पर लापता है, जिस वजह से गठबंधन के बहुमत की मजबूती के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
दूसरी तरफ, बीजेपी के विधायकों की संख्या की बात करें तो बीजेपी में 25 विधायक और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), यानी आजसू के तीन विधायक, एनसीपी एवं एक वामपंथी दल के पास एक-एक विधायक है। इसके साथ ही तीन निर्दलीय विधायक भी हैं। सत्ता में जो गठबंधन है उसके पास बहुमत से थोड़ी से विधायक ही अधिक हैं। लेकिन सत्ता गठबंधन के नेता इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हैं।