त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के खिलाफ फर्जी पोस्ट करने वाला पत्रकार गिरफ्तार

Update: 2019-04-29 02:44 GMT

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव के निजी जीवन के बारे में सोशल साइट्स पर पोस्ट करने के आरोप में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार शख्स एक पुलिस का सिपाही तो दूसरा फ्रीलांस पत्रकार है. पिछले कई दिनों से सोशल साइट्स पर बिप्लब देव की पत्नी के साथ तालाक और अनबन की खबरें पोस्ट की जा रही थीं.

त्रिपुरा पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि देर शाम फ्रीलांस पत्रकार सैकत तलपात्रा को पश्चिम अगरतला से गिरफ्तार किया गया है. पत्रकार को गिरफ्तार करने से पहले त्रिपुरा पुलिस के एक सिपाही को भी इसी पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया है.

त्रिपुरा के पुलिस महानिरीक्षक पुनीत रस्तोगी ने कहा है कि पुलिस कांस्टेबल को उसके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया. रविवार को गिरफ्तार दोनों शख्स को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा.

मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव की पत्नी के बारे में सोशल मीडिया में झूठी पोस्ट करने के बाद एक हवलदार को पहले गिरफ्तार किया गया और फिर उसे नौकरी से निलंबित कर दिया गया. हवलदार ने लिखा था कि मुख्यमंत्री की पत्नी नीति देब ने अदालत में पति के खिलाफ 'तलाक की अर्जी' दी है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हवलदार जमाल हुसैन को सोशल मीडिया पर फर्जी जानकरी साझा करने के लिए गिरफ्तार किया गया. बाद में उसे निलंबित कर दिया गया." हुसैन विधानसभा में विपक्षी माकपा नेता इस्लामउद्दीन का अंगरक्षक है. त्रिपुरा पुलिस ने शुक्रवार को सोशल मीडिया यूजर अनुपम पाल के खिलाफ मामला दर्ज किया. पॉल ने ही मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा उनके खिलाफ दिल्ली अदालत में तलाक की अर्जी लगाने वाली झूठी खबर फैलाई थी. 

गिरफ्तार पत्रकार तलपात्रा ने 2018 में फ्रीलांस पत्रकारिता शुरू की थी. तलपात्रा इससे पहले कई टीवी चैनलों के साथ काम कर चुका है. दोनों की गिरफ्तारी एक फेसबुक पोस्ट साझा करने के लिए की गई, जिसमें दावा किया कि बिप्लब देब की पत्नी नीती देब ने दिल्ली के तीस हजारी अदालत में तलाक का मुकदमा दायर किया है. 

त्रिपुरा के सीएम विप्लदेव की पत्नी नीती देव ने भी कहा, 'उनकी छवि को धूमिल करने के लिए एक गहरी साजिश रची जा रही है. यह एक आधारहीन और मनगठंत पोस्ट है, जो बहुत ही खराब तरीके से पोस्ट किया गया है. हमने कोई तलाक का मुकदमा दायर नहीं किया है. अफवाहों का कोई मुंह नहीं है. गंदे मानसिकता वाले लोगों की यह देन है.

उन्होंने कहा कि प्रभावशाली लोगों के खिलाफ राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस तरह की गंदी हरकतें और अफवाह फैलाने वालों को मोटी रकम मिलती है. इसका दुखद हिस्सा यह है कि लोग भी इन बातों को सही मान लेते हैं. मैं कह सकती हूं कि इस तरह के लोगों को बहिष्कार कर कड़ी से कड़ी सबक सिखाया जाए."

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