Mallikarjun Kharge PM Candidate: मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे विपक्ष का पीएम फेस? इन नेताओं ने दिया प्रस्ताव

Mallikarjun Kharge PM Candidate, Will Mallikarjun Kharge be the PM face of the opposition? These leaders proposed;

Update: 2023-12-20 10:49 GMT

Mallikarjun Kharge PM Candidate: दिल्ली में हुई विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके बाद हर कोई हैरान है कि आखिरकार ममता बनर्जी ने खड़गे के नाम का प्रस्ताव क्यों रखा? आइए, जानते हैं कि इसके पीछे क्या 'खेला' है.

यदि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम पद का दावेदार बनाया जाता है तो विपक्ष यह तर्क दे सकता है कि हम देश को पहला दलित पीएम देने जा रहे हैं. इससे देश की बड़ी दलित आबादी उनका समर्थन कर सकती है. दलित आबादी में मुस्लिम और हिंदू धर्म के लोग भी शामिल हैं. लोकसभा चुनाव में ये इंडिया गठबंधन को समर्थन करते हैं तो विपक्ष की सीटों में इजाफा हो सकता है.

मल्लिकार्जुन खड़गे देश के बेदाग छवि वाले नेताओं में से एक है. विरोधी भी उन पर उंगली उठाने से पहले कई बार सोचते हैं. भाजपा भी खड़गे की बजाय राहुल गांधी पर ज्यादा हमलावर रहती है. मल्लिकार्जुन खड़गे का व्यवहार भी काफी मिलनसार है. पार्टी से बाहर के नेताओं से भी उनके संबंध अच्छे हैं. खुद प्रधानमंत्री मोदी भी उनसे खिलखिलाते हुए मिलते हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं. इस बार कांग्रेस को कर्नाटक बंपर सीटों से जीत मिली है. जबकि भाजपा ने बजरंगबली जैसे मुद्दे भी उठाए, लेकिन इनका प्रभाव नहीं पड़ा. दक्षिण के बेल्ट में भाजपा को भी बढ़त मिल रही है. बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दक्षिण की करीब 130 सीटों में से केवल 30 सीटें जीती थीं. खड़गे को लाकर विपक्ष भाजपा को यहां और कमजोर कर सकता है.

मल्लिकार्जुन खड़गे को संगठन का काफी अनुभव है. वे कांग्रेस पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं. उनमें सबको एकजुट रखने की क्षमता है. वे गठबंधन में भी सबको एकसाथ रखने का प्रयास कर सकते हैं. उन्हें तालमेल बैठाने वाले नेताओं में गिना जाता है. कर्नाटक में डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच उन्होंने ही सुलह करवाई.

ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने गांधी परिवार के खिलाफ कई बार राजनीतिक टिप्पणियां की हैं. माना जाता है कि स्थानीय दल वे गांधी परिवार की बजाय खड़गे के साथ अधिक सहज महसूस करते हैं. खड़गे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं, स्थानीय दलों के नेताओं के साथ उनका अच्छा समन्वय है. देश का के बड़ा धड़ा गैर-गांधी चेहरा सत्ता में चाहता है, खड़गे उनके लिए एक विकल्प हो सकते हैं.  

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