विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, नवजोत सिंह सिद्धू को करतारपुर जाने के लिए राजनीतिक मंजूरी लेनी होगी

करतारपुर कॉरिडोर और पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे कदम पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एमयू (MOU) साइन हुआ था.

Update: 2019-10-31 11:11 GMT

करतारपुर कॉरिडोर को अगले महीने खोला जा रहा है. करतारपुर कॉरिडोर और पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे कदम पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (raveesh kumar) ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एमयू (MOU) साइन हुआ था. उसके बाद गृह मंत्रालय वेबसाइट लॉन्च किया था. रवीश कुमार ने कहा कि पहले दिन जो जत्था जाएगा उसकी लिस्ट पाकिस्तान को दे दी गई है. पाकिस्तान का रिप्लाइ अभी आना है.

इसके साथ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन अलग-अलग होगा. हालांकि अभी इसपर बातचीत हो रही है कि उद्घाटन कौन करेगा और कैसे करेगा? जो फिलहाल स्थिति है उसमें कोई भी भारतीय और ओसीआई के रूप में फॉलो करना होगा.

रवीश कुमार ने आगे कहा कि करतारपुर जा रहे हैं तो दो चीजें ध्यान रखे, एक तो ये समझे कि दूसरे देश में जा रहे हैं. जिसके लिए पॉलिटिक्ल क्लीयरेंस लेना होगा. उन्होंने बताया कि जो हमने जत्था शेयर किया है उसमें हमारे कैबिनेट मंत्री और राजनेता हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान से मिले निमंत्रण पर रवीश कुमार ने कहा, 'मुझे लगता है कि राजनीतिक हस्तियों या आमंत्रितों को लगता है कि उन्हें राजनीतिक मंजूरी लेनी होगी और सूची में शामिल नहीं होने वालों को इसके बारे में पता चल जाएगा. आश्चर्य नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि मेरी समझ यह है कि इस तरह की यात्राओं के लिए राजनीतिक मंजूरी लेने के सामान्य नियम लागू होंगे. 

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान से करतारपुर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए न्यौता मिला है. जिसे सिद्धू ने स्वीकार कर लिया है. सिद्धू ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के ऐतिहासिक उद्घाटन में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का आभारी हूं. इमरान खान के निर्देश पर, समाचार एजेंसी पीटीआई सीनेटर फैजल जावेद ने सिद्धू से संपर्क किया और उन्हें यहां आने का न्यौता दिया.

यूरोपियन यूनियन के सदस्यों की भारत यात्रा पर रवीश ने कहा, 'यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) की भारत यात्रा के मामले में, यह सरकार के ध्यान में लाया गया कि यह प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करने जा रहा है. भारत का दौरा करने वाले MEPs ने भारत के बारे में जानने की गहरी इच्छा व्यक्त की थी, यह एक परिचित यात्रा की तरह था.

उन्होंने आगे कहा कि वे (सांसद) यूरोप के विभिन्न देशों और विभिन्न राजनीतिक दलों के विचारों के एक स्पेक्ट्रम के थे. बैठकें इसलिए वे (MEPs) यूरोप के विभिन्न देशों और विभिन्न राजनीतिक दलों के विचारों के एक स्पेक्ट्रम के थे। बैठकें इसलिए तदनुसार सुविधाजनक थीं जैसा कि पिछले कई अवसरों पर किया गया है.

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