New Rule Of RBI: विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह अब नहीं डकार सकेंगे बैंकों का पैसा, RBI का है ये नया नियम

New Rule Of RBI: विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कारोबारी सरकारी बैंकों को अरबों रूपये का चूना लगाकर विदेशों में बैठे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।;

Update: 2024-05-14 08:24 GMT

New Rule Of RBI: विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कारोबारी सरकारी बैंकों को अरबों रूपये का चूना लगाकर विदेशों में बैठे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। दरअसल सरकार लोन चुकाने में डिफॉल्ट करने वाले लोगों को देश से भागने से रोकने के लिए बैंकों को लुकआउट सर्कुलर जारी करने का कानूनी अधिकार दे सकती है। यह कदम इसी हफ्ते बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दिए गए उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें बताया गया था कि सरकारी बैंकों के पास डिफॉल्टर्स के खिलाफ अलओसी जारी करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करने या अनुरोध करने का अधिकार नहीं है।

क्या है सरकार का नया नियम

बता दें कि बैंक ग्राहको को उनके हिसाब से लोन देता है। जहां छोटे ग्राहकों को रिटेल लोन दिए जाते है, जिसके बदले में घर या अन्य संपत्ति को सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है। वहीं अकाउंट में लोन के साथ ही ईएमआई शुरू हो जाती है। वहीं बड़े कर्जों करोड़ रूपये में होते है। बड़े कर्जों में सड़क, पुल आदि योजनाओं के लिए दिया जा सकता है। वैसे कर्जों को किमत के आधार पर दिया जाता है।

गौरतलब है कि बैंक के द्वारा सारे मुनाफे को खर्च नहीं किया जाता है। बल्कि उसका एक हिस्सा भविष्य में जोखिम भरे कर्जों से होने वाले नुकसान के लिए रखते हैं। RBI के नियमों के मुताबिक, बड़े कर्जों के लिए बैंक आमतौर पर अपनी ओर से किए गए कर्जों का 0.4 फीसदी प्रोवीजन के तौर पर रख लेती है। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए RBI इसमें कुछ बदलाव करना चाहता है। दरअसल RBI अब चाहती है कि जो 0.4 फीसदी प्रोवीजन रखा जाता था, उसे अब बढ़ाकर 5 कर दिया जाए। साथ ही कई सरकारी और निजी बैंक शेयरों में 9 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में बैंक बढ़े हुए प्रोविजन की भरपाई के लिए अलग तरीकों की भी तलाश कर सकते हैं।

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