Delhi NCR Latest Updates:दिल्ली के साथ NCR के इन 14 शहरों पर पुराने वाहन बंद, बेच दीजिए गाड़ी नहीं तो होगी सडक पर जब्त!

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Update: 2021-12-07 12:53 GMT

Delhi NCR Latest Updates: बीते छह वर्षों में कई बार चेतावनी के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनाें को सड़कों पर दौड़ाने से बाज नहीं आ रहे वाहन मालिकाें पर सरकार सख्त हो गई है। परिवहन और पुलिस विभाग ने ऐसे सभी वाहनों को सड़क पर दिखते ही जब्त करने के अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। राहत की बात यह कि पुराने वाहनों को एनसीआर के बाहर बेचने या हस्तांतरित करने के लिए तीन महीने की छूट दी गई है।

वहीं यातायात पुलिस ने सड़कों पर बैरिकेडिंग कर फिर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी है। पुलिस अब जगह-जगह रात में चेकिंग करेगी। इसमें वह शराब पीकर वाहन चलाने वालों को डिस्पोजल पाइप का प्रयोग कर सांस लगवाएगी, जिससे कोरोना संक्रमण के दिशानिर्देशों का भी पालन होगा और शराब पीकर वाहन चलाने का भी पता चल जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हरियाणा के 14 जिले पड़ते हैं जिनमें सोनीपत, पानीपत, करनाल, जींद, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, मेवात, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी शामिल हैं। इन जिलों में करीब छह लाख वाहन निर्धारित समय-सीमा पूरी कर चुके हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए कंडम वाहनाें पर अंकुश लगाने का आदेश दे चुके सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनसीआर) ने नई वाहन स्क्रैप पालिसी घोषित होने के बाद आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा है।

वहीं, परिवहन आयुक्त द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का एनसीआर से पंजीकृत रद कर दिया गया है। इसे वि-पंजीकरण कहते हैं। पुराने वाहनों के मालिक चाहें तो तीन मार्च से पहले इन्हें एनसीआर के बाहर ट्रांसफर करवा सकते हैं। एनसीआर में पुराने वाहनों को किसी भी सूरत में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सड़कों पर ऐसे वाहन दिखते ही इन्हें जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इन वाहनों में सबसे ज्यादा संख्या दोपहिया वाहनों की है।

इन आठ जिलाें में चल सकते पुराने वाहन

प्रदेश में आठ जिले पंचकूला, यमुननागर, कुरुक्षेत्र, हिसार, सिरसा, अंबाला, फतेहाबाद और कैथल ऐसे हैं जो एनसीआर से बाहर हैं। इन पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश लागू नहीं होते। दरअसल एनसीआर में स्माग और वायु प्रदूषण की वजह से सरकार पहले ही डीजल और कोयला आधारित उद्योगों पर अंकुश लगा चुकी है। चूंकि डीजल और पेट्रोल के पुराने वाहन प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं, इसलिए इन पर भी सख्ती बरतने को कहा गया है।

थाना और चौकी प्रभारियों को दिया वाहन जब्त करने का लक्ष्य

एनसीआर के विभिन्न जिलों में थाना व चौकी प्रभारियों के लिए 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। विभिन्न स्थानों पर नाके लगाकर पुलिस वाहनों को रोककर देख रही है कि वे कितने पुराने हैं। जब्त किए वाहनों का क्या करना है, यह अभी स्पष्ट नहीं है, पर जिस मालिक के यह वाहन होंगे, उन्हें छुड़ाना बहुत मुश्किल होगा। बाद में पुलिस इन वाहनों को बोली लगाकर कबाड़ में बेच सकती है। लंबी कानूनी प्रक्रिया के तहत ही लोग अपने पुराने वाहन को वापस पा सकेंगे, मगर उन्हें वाहन सड़क पर चलाने की अनुमति नहीं होगी। वे अपने वाहन को कबाड़ में बेच सकेंगे।

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