Pakistan ने भारत को दिया काउंसलर एक्सेस का प्रस्ताव, कहा-जाधव ने रिव्यू पिटीशन से किया इंकार

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के पिता और उनकी पत्नी को मिलने की इजाजत दी है?

Update: 2020-07-08 08:37 GMT
Kulbhushan Jadhav

नई दिल्ली : पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने बड़ा दावा करते हुए भारत को मामले में काउंसलर एक्सेस का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव ने पुराने फैसले पर रिव्यु पेटिशन दाखिल करने से इनकार किया है. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने कुलभूषण जाधव के रिव्यू पिटीशन इनकार करने की बात कही है.

 पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के पिता और उनकी पत्नी को मिलने की इजाजत दी है. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने दावा किया है कि कुलभूषण जाधव रिव्यु पेटिशन के बजाय मर्सी पिटीशन का इंतजार करना चाहता है.

आपको बता दें कि भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद पाकिस्तान भारत (India) को कुलभूषण जाधव से मिलने नहीं दे रहा था. भारत ने कुलभूषण जाधव का रिहा कराने में पाकिस्तान को राजी करने के लिए 'बैक चैनल' का इस्तेमाल किया था.

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तत्कालीन पाकिस्तानी NSA नासीर खान जंजुआ से 'बड़े सभ्य तरीके से अनुरोध' किया था कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को रिहा कर दे.

'बैक चैनल' संपर्क से नहीं बात

हरीश साल्वे ने कहा था कि, "हम उम्मीद कर रहे थे कि 'बैक-चैनल' का इस्तेमाल करने से पाकिस्तान उन्हें रिहा करने को राजी हो जाएगा. वो इसे मानवता के आधार पर उठाया कदम या कुछ भी कह सकते हैं लेकिन हम उन्हें वापस चाहते थे. हमने उनसे कहा कि उन्हें जाने दीजिए. क्योंकि यह पाकिस्तान में एक बड़ा इगो प्राब्लम है. इसलिए हम उम्मीद कर रहे थे कि वो उन्हें जाने देंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया."

हरीश साल्वे ने कहा था कि पाकिस्तान ने इसे घमंड का मामला बना लिया है. हम लोगों ने पाकिस्तान को कई खत लिखे हैं, वे हमेशा इनकार करते रहते हैं.

साल्वे ने कहा, "मुझे लगता है कि हम उस पॉइंट पर पहुंच गए हैं, जहां हमें ये तय करना पड़ सकता है कि क्या हमें फिर से अंतरराष्ट्रीय अदालत जाना चाहिए ताकि एक बार फिर से पाकिस्तान को दिशा-निर्देश दिया जा सके, पाकिस्तान पिछले आदेश पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है."

 इससे पहले जुलाई 2019 में नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने करीब 26 महीने चली सुनवाई के बाद दिए भारत के हक में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण जाधव के लिए कौंसुलर संपर्क की इजाजत देने को कहा था. साथ ही जाधव के मामले की सिविलियन अदालत में सुनवाई के लिए भी अवसर मुहैया कराने को कहा था.

Tags:    

Similar News