पलायन को लेकर केंद्र सख्त, कहा- सख्ती से हो लागू हो लॉकडाउन, बॉर्डर पूरी तरह सील किए जाएं

केंद्र सरकार की तरफ से आदेश दिया गया है कि सभी राज्यों और जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएं और बाहर से आने वाले लोगों को सीमाओं पर ही कैंपों में रखा जाए।

Update: 2020-03-29 09:22 GMT

नई दिल्ली : लॉकडाउन के बाद पलायन की स्थिति पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन का पालन करवाना डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट और एसपी की जिम्मेदारी है। केंद्र सरकार की तरफ से आदेश दिया गया है कि सभी राज्यों और जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएं और बाहर से आने वाले लोगों को सीमाओं पर ही कैंपों में रखा जाए। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि काम करने आने वाले मजदूरों के रहने का इंतजाम किया जाए और उनको समय से भुगतान किया जाए। सरकार ने कहा कि आदेश को न मानने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

केंद्र सरकार ने कहा है कि शहरों से लोगों को हाइवे पर आने से रोका जाए। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन का फैसला किया लेकिन शहरों से लोगों के पलायन के चलते यह लॉकडाउन फेल होता दिखा। शनिवार से दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में भारी भीड़ देखी गई। वहीं कई लोग पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकल पड़े। इसपर सियासी गलियारे में भी जुबानी जंग देखने को मिली। बिहार सरकार ने पहले ही कह दिया है कि बाहर से आने वाले लोगों को सीमा पर ही रोका जाएगा और वहीं रुकने की सुविधाएं दी जाएंगी। 

केंद्र सरकार ने कहा है कि लोग हाइवे पर न निकलें और जहां हैं वहीं रहें। सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है कि लोगों के खाने और रहने का प्रबंध किया जाए। दरअसल अगर यह खतरनाक वायरस गांवों तक पहुंचता है तो गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है। देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1000 के करीब पहुंच गई है वहीं अब तक 25 लोगों की मौत हो गई है। 

केंद्र ने कहा है कि जिन्होंने भी लॉक डाउन का उल्लंघन किया है उन्हें सरकार की तरफ से मुहैया करवाई गई 14 दिन की क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी में रखा जाए। इस बाबत विस्तृत आदेश सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को दे दिए गए हैं।

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