जब ससुर ने बाप बनकर विधवा बहू को बेटी बनाकर विदा, फिर फफक फफक कर रोए

Update: 2022-06-30 10:36 GMT

बिहार के छपरा में एक ससुर ने अपनी विधवा बहू की शादी करवाई और कन्यादान कर समाज में नयी मिसाल पेश की. वहीं, महिला के भसुर (जेठ) ने भाई की तरह रिश्ता निभाते हुए दुल्हन की विदाई की रस्म अदा की. ससुरालवालों के द्वारा उठाये गए इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2017 में गोला बाजार निवासी अशोक साह की बेटी चांदनी कुमारी की शादी परमानंदपुर के शिवपुर गांव के रहने वाले सुरेंद्र प्रसाद साह के बेटे चंदन कुमार के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी. लेकिन नौ जून, 2021 को चंदन की मौत हो गयी. पति के इस दुनिया से चले जाने के गम में चांदनी उदास रहने लगी. यह देख उसके ससुरालवालों ने उसको खुश रखने की काफी कोशिश की, लेकिन ऐसा हो न सका.

बहू चांदनी की आगे की जिंदगी का ख्याल करते हुए ससुर सुरेंद्र प्रसाद साह ने उसकी शादी कराने का निर्णय लिया और वो उसके लिए लड़का खोजने में जुट गए. काफी खोजबीन के बाद राजस्थान के झुंझुनु जिला निवासी रोशन लाल के बेटे नवीन कुमार शाह के साथ चांदनी की सोनपुर मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी संपन्न हुई. विवाह में ससुर ने बेटी की तरह अपनी बहू का कन्यादान किया.

बहू चांदनी की आगे की जिंदगी का ख्याल करते हुए ससुर सुरेंद्र प्रसाद साह ने उसकी शादी कराने का निर्णय लिया और वो उसके लिए लड़का खोजने में जुट गए. काफी खोजबीन के बाद राजस्थान के झुंझुनु जिला निवासी रोशन लाल के बेटे नवीन कुमार शाह के साथ चांदनी की सोनपुर मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी संपन्न हुई. विवाह में ससुर ने बेटी की तरह अपनी बहू का कन्यादान किया.

चांदनी की शादी में उसके जेठ और बाकी ससुरालवालों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. जेठ राजू साह ने दुल्हन बनी चांदनी को घर का सामान और उपहार देकर बहन की तरह विदा किया. चांदनी और चंदन का एक बेटा है जिसे उसके ससुर सुरेंद्र प्रसाद साह ने अपने बेटे की अमानत के रूप में रख लिया है. उन्हें पिता बन कर अपनी विधवा बहू का कन्यादान किया और उसकी विदाई कराई. ससुरालवालों के द्वारा विधवा बहू की शादी करा कर उसकी नई जिंदगी की शुरुआत कराना गांव में चर्चा का विषय बन गया है.

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