मुरली मनोहर जोशी बोले प्रधानमंत्री के साथ बहस करना है तो इस तरह करे

भारत को ऐसे नेता की जरूरत है जो जब अपने विचार व्यक्त करे तो उसे ये चिंता न रहे कि उसके विचारों को सुनकर प्रधानमंत्री खुश होंगे या नहीं।

Update: 2019-09-04 05:26 GMT

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के अहम मुद्दों पर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों में दलगत राजनीति से परे होकर गंभीर विचार विमर्श की परंपरा लगभग खत्म हो गयी है और इस परंपरा को फिर से कायम करने की जरूरत है। मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भारत को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है, जो प्रधानमंत्री से निडर होकर बोल सके. मुरली मनोहर जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत को एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है, जो सिद्धांतों के आधार पर प्रधानमंत्री के साथ बहस कर सके ।

मुरली मनोहर जोशी मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी की याद में आयोजित संस्मरण सभा को संबोधित कर रहे थे. दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ने कहा कि भारत को ऐसे नेता की जरूरत है जो जब अपने विचार व्यक्त करे तो उसे ये चिंता न रहे कि उसके विचारों को सुनकर प्रधानमंत्री खुश होंगे या नहीं.

मुरली मनोहर जोशी ने कहा, "भारत को ऐसे नेता की जरूरत है जो पीएम से निडर होकर बात कर सके, प्रधानमंत्री से मुद्दों पर बेखौफ होकर तर्क कर सके और बिना डरे अपने विचार व्यक्त कर सके बिना इस बात की चिंता किए कि उनकी बातों को सुनकर प्रधानमंत्री खुश या नाराज होंगे."

रेड्डी की याद में आयोजित 'संस्मरण सभा में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने शिरकत की। इस दौरान सिंह ने आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य के गठन में रेड्डी की अहम भूमिका का जिक्र करते हुये कहा कि वह एक कुशल राजनेता, प्रखर वक्ता और उच्च कोटि से प्रशासक थे। 

कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी का निधन हैदराबाद में 28 जुलाई को हो गया था. जयपाल रेड्डी के साथ 1990 के दशक में अपने गुजरे दिनों को याद करते हुए जोशी ने कहा कि वे आखिरी समय तक अपने मुखर होकर अपने विचार प्रकट करते थे, उन्होंने हर स्तर पर, हर फोरम पर अपनी राय रखी, उन्होंने मुद्दों के साथ कभी समझौता नहीं किया."


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