BJP नेता ने ओवैसी को दिया जवाब- हिस्सेदारी की बात न करें, 1947 में ही दे दी थी
ओवैसी ने देश के मुसलमानों की बात करते हुए कहा था कि वो किराएदार नहीं हैं, बल्कि हिस्सेदार बनकर रहेंगे.
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) के चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. अब ओवैसी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेता माधव भंडारी ने कहा है कि उन्हें सोच-समझकर बोलना चाहिए. इतना ही नहीं, ये नसीहत देते हुए भंडारी ने यहां तक कह दिया कि ओवैसी अगर हिस्सेदारी की भाषा बोलेंगे तो हिस्सेदारी 1947 में दे दी गई.
केंद्र में दूसरी बार प्रचंड बहुमत से मोदी सरकार आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी लगातार प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने कहा है कि अगर कोई ये समझ रहा है कि हिंदुस्तान के पीएम 300 सीट जीत कर देश पर मनमानी करेंगे तो ऐसा नहीं हो सकता.
ओवैसी ने यह भी कहा है कि हम हिंदुस्तान को आबाद रखेंगे, हम यहां पर बराबर के हकदार हैं, किराएदार नहीं हैं हिस्सेदार रहेंगे.
Madhav Bhandari,BJP on Asaduddin Owaisi: Unhe soch samajh ke bolna chahiye. Unko kisi ne kirayedaar nahi kaha, lekin hissedari ki bhasha bolenge to hissedari 1947 mein de di toh maamla khatam ho gaya pic.twitter.com/8d9N1AtIUS
— ANI (@ANI) June 2, 2019
बीजेपी नेता ने दिया यह बयान
ओवैसी के इसी बयान पर महाराष्ट्र के बीजेपी नेता माधव भंडारी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने न सिर्फ ओवैसी को सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी है, बल्कि आजादी के बाद भारत के बंटवारे से बने पाकिस्तान की भी याद दिला दी है. भंडारी ने ओवैसी को जवाब देते हुए कहा, 'उनको किसी ने किराएदार नहीं कहा, लेकिन हिस्सेदारी की भाषा बोलेंगे तो हिस्सेदारी 1947 में दे दी तो मामला खत्म हो गया.'
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी की जीत के बाद पीएम मोदी ने अल्पसंख्यकों के साथ छल और उन्हें भयभीत रखने की बात कही थी, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने पूछा था कि अगर पीएम को लगता है मुसलमान डर में रहते हैं, तो क्या वह उन गिरोहों को रोकेंगे, जो गाय के नाम पर मुसलमानों की हत्या कर रहे हैं. इस बयान के बाद ओवैसी ने देश के मुसलमानों की बात करते हुए कहा था कि वो किराएदार नहीं हैं, बल्कि हिस्सेदार बनकर रहेंगे. ओवैसी के इसी बयान पर भंडारी ने कहा है कि उन्हें कोई किराएदार नहीं बता रहा है, लेकिन हिस्सेदारी 1947 में दी दी गई है.