रक्षाबंधन पर किस तरह तैयार करें पूजा की थाली

रक्षाबंधन श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार 26 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा पर ये त्योहार मनाया जाएगा

Update: 2018-08-24 11:30 GMT

नई दिल्ली : रक्षाबंधन श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार 26 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा पर ये त्योहार मनाया जाएगा। ये भाई-बहन के निस्वार्थ प्रेम की अभिव्यक्ति का दिन है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। रक्षाबंधन पर पूजा थाली में क्या रखना चाहिए, ये बात हर बहन को पता होनी जरूरी है। त्यौहार वाले दिन बहन द्वारा पूजा की थाली में रक्षासूत्र और कुमकुम सहित ये खास चीजें रखी होनी चाहिए।

1. कुमकुम -

रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में सबसे पहली सामग्री जो होना अनिवार्य है, वह है कुमकुम यानी कि सिंदूर। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत कुमकुम का तिलक लगाकर ही की जानी चाहिए। भाई के माथे पर तिलक लगाते हुए बहन उसकी लंबी उम्र की कामना भी करती है।

2.चावल -

कुमकुम लगाने के बाद माथे पर तिलक लगाना भी अनिवार्य होता है। दरअसल चावल को अक्षत कहा जाता है। इसका अर्थ है अक्षत यानी जो अधूरा न हो। तो इस प्रकार से तिलक के ऊपर चावल लगाने का भाव है कि भाई के जीवन पर तिलक का शुभ असर हमेशा बना रहे।

3. नारियल -

आजकल नारियल को सभी बहनें थाली में रखना भूल जाती हैं। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है, जिसमें 'श्री' से भाव है देवी लक्ष्मी का फल। यह फल देते हुए बहन यह कामना करती है कि भाई के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे और वह उन्नति करता रहे।

4. रक्षासूत्र (राखी) -

रक्षासूत्र बांधने से त्रिदोष शांत होते हैं। त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ। हमारे शरीर में कोई भी बीमारी इन दोषों से ही संबंधित होती है। रक्षा सूत्र कलाई पर बांधने से शरीर में इन तीनों का संतुलन बना रहता है। वैज्ञानिकों द्वारा सिद्ध भी किया गया है कि ये रक्षासूत्र का धागा बांधने से कलाई की नसों पर दबाव बनता है, जिससे ये तीनों दोष नियंत्रित रहते हैं।

5. मिठाई - 


राखी बांधने के बाद मिठाई क्यों खिलाई जाती है इसके पीछे भी एक मानयता है। इसके अनुसार जब राखी बांधने के बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाकर उसका मुंह मीठा करती है, तो वह असल में दोनों के रिश्ते में मिठास भरती है। मिठाई खिलाते समय वह यह कामना करती है कि दोनों के रिश्ते में कड़वाहट न आए और रिश्ते की मिठास बनी रहे।

6. दीपक -

आमतौर पर बहनें राखी बांधने से ठीक पहले दीपक जलाती हैं और भाई की आरती करती हैं। राखी बांधने से जुड़े सभी कार्य करने से पहले यदि आरती का दीपक प्रज्ज्वलित कर लिया जाए तो यह बेहतर होता है। दीपक की लौ से निकलने वाली ऊर्जा आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को भाई-बहन से दूर रखती है, जिससे दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है।

7. पानी से भरा कलश -

यह पानी से भरा कलश राखी की थाली में होना बेहद अावश्यक है। यह तांबे का ही होना चाहिए और इसी कलश के जल को कुमकुम में मिलाकर तिलक लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस कलश में सभी तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है। कलश के प्रभाव से भाई और बहन के जीवन में सुख और स्नेह हमेशा बना रहता है।

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