किसान आंदोलन को एक साल पूरा, राकेश टिकैत ने बताया आगे का प्लान

Update: 2021-11-26 08:38 GMT

किसान आंदोलन को आज आज 1 साल पूरा हो गया। पीएम की तरफ से तीनों कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर एक बार फिर भीड़ उमड़ने लगी है। किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी सहित किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन अभी जारी रहेगा।

टिकैत में कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर उन्हें बैठे हुए 1 साल हो गया है। सरकार ने तीनों 'काले कानूनों' को वापस लेने की घोषणा भले ही कर दी है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई अन्य मुद्दे पर सरकार ने मौन धारण किया हुआ है। सरकार इस मुद्दों पर किसानों से कोई बात नहीं कर रही है। जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं से हटने वाले नहीं हैं।

टिकैत ने अपने आगे के प्लान के बारे में बताते हुए कहा 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक है और उस बैठक में सभी मुद्दों को रखा जाएगा जिसके बाद किसानों के आंदोलन की आगे रणनीति तय होगी। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को किसान संसद के सामने ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और अब किसान शांत बैठने वाले नहीं हैं क्योंकि सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान भले कर दिया हो, लेकिन किसान शुरू से एमएससी पर गारंटी कानून मांग रहे थे, जिसको लेकर सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है, इसलिए किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा।

राकेश टिकैत ने आज एक ट्वीट कर कहा, ''एक साल का लम्बा संघर्ष, बेमिसाल थोड़ी खुशी थोड़ा गम, लड़ रहे हैं जीत रहे हैं, लड़ेंगे जीतेंगे, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून किसानों का अधिकार''

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली जाएंगे और अगर किसानों को रोकने की कोशिश की गई तो वहीं धरने पर बैठेंगे। टिकैत ने कहा किसानों की आधी जीत हुई है, आधी जीत होना अभी बाकी है जिसके लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी कानून किसानों के लिए बेहद जरूरी है और जब तक यह कानून सरकार लेकर आती नहीं तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को जो खुला पत्र लिखा गया था उसका भी जवाब अभी तक नहीं आया है। यह सभी मुद्दे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में उठाए जाएंगे और संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा कि किसानों का आंदोलन आगे क्या रूप लेगा। उन्होंने बताया कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। ठंडी, गर्मी और बरसात में एक साल से खुले आसमान के नीचे धरना -प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान करीब 750 आंदोलनकारी किसान शहीद हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर दिल्ली कि चारों सीमाओं पर हजारों की संख्या में जमा हो रहे हैं। किसानों से विचार-विमर्श के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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