बिकरू कांड में दोषी पाए गए पुलिस अफ़सर को मिली अयोध्या में तैनाती, घटना की रात जय बाजपेयी से 13 बार की थी बात

बहुचर्चित बिकरू कांड में अपराधियों से मिलीभगत के दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी आरके चतुर्वेदी को अयोध्या में सीओ पद पद तैनात किया गया. चतुर्वेदी को बिकरू कांड की जांच में दोषी पाया गया था. गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी और उनके बीच काफी करीबी की बात सामने आई थी.;

Update: 2022-06-14 09:45 GMT

बहुचर्चित बिकरू कांड में अपराधियों से मिलीभगत के दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी आरके चतुर्वेदी को अयोध्या में सीओ पद पद तैनात किया गया. चतुर्वेदी को बिकरू कांड की जांच में दोषी पाया गया था. गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी और उनके बीच काफी करीबी की बात सामने आई थी.

जांच आयोग ने चुतुर्वेदी को प्रशासनिक सूचनाएं लीक करने का दोषी माना था. जांच में पाया गया कि बिकरू कांड की रात चतुर्वेदी और जय बाजपेयी के बीच 13 बार बातचीत हुई थी. ऐसे में आयोग ने आरके चतुर्वेदी को किसी अहम पद पर तैनात न करने का आदेश दिया था. हालांकि इस आदेश के बावजूद सीओ अयोध्या के पद पर उन्हें तैनाती मिली.

दरअसल कानपुर देहात क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 2 जुलाई 2020 की रात दबिश दी थी. हालांकि इस दौरान इन गुड़ों ने पुलिस दल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

इस मामले को लेकर पूरे यूपी सहित देशभर में लोगों में गुस्सा था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे. इसके बाद इस मामले का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस एन्काउंटर में मारा गया.

इस मामले को लेकर पूरे यूपी सहित देशभर में लोगों में गुस्सा था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे. इसके बाद इस मामले का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस एन्काउंटर में मारा गया.

इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित की गई थी. आयोग की जांच में सीओ आके चतुर्वेदी के अलावा चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और दरोगा (हलका इंचार्ज) केके शर्मा सहित 14 पुलिसकर्मियों को बदमाशों से मिलीभगत का दोषी पाया था. इस मामले में विनय तिवारी और केके शर्मा को हाल ही में बर्खास्त कर दिया गया

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