संजली हत्याकांड का खुलासा करते समय रोने लगे आईपीएस अमित पाठक, एकतरफा प्यार बना नफरत की आग!

Update: 2018-12-26 05:29 GMT

आगरा की दलित छात्रा हत्याकांड मामले में पुलिस ने मंगलवार को सनसनीखेज खुलासा किया. पुलिस के अनुसार हत्यारा और कोई नहीं छात्रा का चचेरा भाई योगेश था. उसने अपने दो रिश्तेदारों के साथ योजना बनाकर छात्रा को जिंदा जला दिया. रिश्तो के कत्ल की वजह योगेश का छात्रा से एकतरफा प्यार बताया गया है. छात्रा उसे नजरअंदाज कर रही थी. इसी से योगेश का प्यार नफरत की आग में बदल गया और उसने छात्रा को क्रूरता से मार डालने का प्लान बना डाला. पुलिस वारदात के बाद होने वाला है. तो आदमी और उसने खुदकुशी कर ली पुलिस ने हत्या कांड से जुड़े सबूतों की कड़ियों को जोड़कर आखिर इस बड़े मामले का पर्दाफाश कर दिया है. हत्याकांड में योगेश का साथ देने वाला विजय और आकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

 मंगलवार को आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया आगरा पुलिस के पास ऐसा कोई सुराग नहीं था. जिससे कि वह यारी तक पहुंच सकते पुलिस की 12 टीमों को हत्याकांड का पता लगाने के लिए लगाया गया सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मिलकर इन टीमों ने 168 घंटे तक दिन रात काम कर इस घटना का खुलासा किया. इस दौरान 500 से अधिक मोबाइल की कॉल डिटेल खा ली गई ढाई सौ गांव की खाक छानी गई. तब जाकर सोमवार रात को हत्या के आरोपियों तक पुलिस पहुंच गई फिर अधिकारियों ने चैन की सांस ली..

 घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी अमित पाठक भावुक होकर रो पड़े. उनके ओंठ और उनकी जुबान उनका साथ नहीं दे रही थी. इस मामले को कैसे बताया जाए. उन्होंने बताया छात्रा को उसके ताऊ के बेटे योगेश ने जलाया था. इस घटना में योगेश का साथ उसका ममेरा भाई विजय और उसकी बहन का देवर आकाश ने दिया था. इन दोनों को योगेश ने पंद्रह ₹15000 देकर अपनी योजना में शामिल किया था. विजय और आकाश अब पुलिस की गिरफ्त में है. घटना को अंजाम देने में इस्तेमाल की गई बाइक भी बरामद कर ली गई है.

मालूम हो कि 18 दिसंबर 2018 को दोपहर 2:00 बजे के करीब एक छात्रा अपने स्कूल से साइकिल पर सवार होकर घर लौट रही थी. तभी उस पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया गया. घटना के 36 घंटे के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ती हुई जंग हार गई और उसकी मौत हो गई. 20 दिसंबर को योगेश ने जहर खाकर जान दे दी. उसका शव घर की छत पर मिला था. उस समय यह बात सामने आई योगेश ने बहन की इस तरह की गई हत्या से आहत होकर सुसाइड कर लिया. मामला कुछ और निकला एसएसपी ने बताया छात्रा की हत्या सुनियोजित थी. कब घटना करना है. यह भी तय था घटनास्थल पर गन आकृति का लाइटर मिलने के बाद ही पुलिस यह मानकर चल रही थी. किसी सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है.


 एक बात और बता दे आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह बात साफ हो गई कि उन्हें अंदाज नहीं था. घटना के बाद छात्रा की मौत हो जाएगी. पुलिस का कहना है योगेश ही लाइटर और पेट्रोल लेकर आया था वह छात्रा का सिर्फ चेहरा जलाना चाहता था. अंदाज नहीं था आग इतनी भडक जाएगी और संजली की मौत हो जाएगी. अपनी योजना में योगेश ने विजय को शामिल किया क्यों की छात्रा की विजय से अच्छी जान पहचान थी. योगेश ने विजय के रिश्तेदार आकाश को योजना में इसलिए शामिल किया क्योंकि आकाश को छात्रा नहीं जानती थी. इसलिए उसको रेकी करने की जिम्मेदारी दी गई थी. लाइटर ऐसा लिया गया जिससे आग लगाने के दौरान हाथ न  झुलसे इसके साथ ही योगेश ने अपनी बाइक भी अपने दोस्त से बदल ली. जिससे छात्रा उसे पहचान ना सके.

 एसएसपी अमित पाठक ने बताया सीसीटीवी फुटेज देखे गए उससे पता चला कि घटना में दो नहीं 2 से अधिक लोग थे.जबकि घायल हालात छात्रा ने अपने बयान में कहा था कि 2 लोग ही थे.  7 दिन तक चली छानबीन में स्पष्ट हुआ घटना में दो नहीं 3 लोग शामिल थे. जांच के दौरान पुलिस के हाथ योगेश का मोबाइल फोन लगा. इसमें आखिरी बार छात्रा ने योगेश को मैसेज किया था उसने लिखा था क्या तुमने ही पापा पर हमला किया था. बता दें कि 23 नवंबर को छात्रा के पिता पर हमला हुआ था. एसएससी ने बताया वह हमला भी योगेश के कहने पर आकाश और विजय ने किया था. यहीं से पुलिस को इस हत्याकांड की जांच को सही दिशा में चलने का क्लू मिल गया. योगेश पर शक गहरा होते ही पुलिस उसकी हर गतिविधि पर नजर रखने लगी और आखिरकार इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा मोबाइल और मैसेज से जुड़े तार के जरिए होता चला गया. 

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