बंदरों के लिए नया होगा जंगल का माहौल,आगरा शहर के बंदर अब जाएंगे जंगल

वन्य जीव एक्ट की सूची से बंदरों के हटने से नगर निगम को बंदरों को पकड़ने के लिए अब वन विभाग से भी अनुमति नहीं लेनी होगी।

Update: 2023-08-12 08:41 GMT

वन्य जीव एक्ट की सूची से बंदरों के हटने से नगर निगम को बंदरों को पकड़ने के लिए अब वन विभाग से भी अनुमति नहीं लेनी होगी। नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि वन्य जीव एक्ट से बंदर हट गए हैं।आगरा शहर में बंदरों के आंतक से लोगों को जल्द ही राहत मिलेगी। इन बंदरों को नगर निगम जंगल भेजेगा। गत मई-जून में नगर निगम ने 2 हजार से अधिक बंदर पकड़कर वन्य क्षेत्रों में छोड़े थे। अब बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग से परमीशन नहीं लेनी है लेकिन जीव संरक्षण के बाकी सभी नियमों का पालन करना होगा।

शहर में रच-बसे बंदरों को जंगल मे हो सकती हैं परेशानी

दरअसल शहर में रच-बस चुके बंदरों को जंगल में अलग तरह का वातावरण मिलेगा। इसलिए उनके अनुकूल स्थान की तलाश की जा रही है। जंगल में बदंरों में फीडिंग के लिए संघर्ष न हो, अवसाद में न आएं, भूख से न मरें आदि बिंदुओं को ध्यान में रखकर उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है।नगर निगम ने शहर के बंदर को जंगल में छोड़ने के संबंध में वन विभाग को पत्र भेजा है। शहर से जंगल जाकर बंदर संरक्षित रहें। इसके लिए उपयुक्त स्थान कहां हो सकता है, इस बारे में वन विभाग से जगह चिह्नित करने की मांग की गई।

बंदरों से इन स्थानों पर लोग सर्वाधिक परेशान

आगरा शहर में बंदरों के हमलों से ताजमहल, एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, आगरा फोर्ट, कैंट स्टेशन तथा राजामंडी स्टेशन, कलेक्ट्रेट समेत अन्य दफ्तरों और स्कूल-कॉलेजों में सर्वाधिक परेशान हैं। कई कॉलोनियों और बाजारों में भी बंदरों ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। बंदरों के आतंक से मुक्ति पाने के लिए आगरा के लोग हाईकोर्ट तक जा चुके हैं।

बंदरों को पकड़ने लिए होगा टेंडर

नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक आगरा में वर्ष 2017 की गणना के अनुसार करीब 10 हजार बंदर थे। पिछले कुछ सालों में 4 से 5 हजार बंदरों की संख्या और बढ़ी है। पिछले दिनों नगर निगम ने स्कूल-कॉलेज, हॉस्पिटलों और रेलवे स्टेशनों, सरकारी दफ्तरों के आसपास बंदरों का पकड़ने के लिए अभियान चलाया था। अब नगर निगम फिर से अभियान शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। डा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि बंदर पकड़ने के लिए संस्थाओं को टेंडर दिया जाएगा। बंदरों का वैक्सीनेश सेंटर बनाने के लिए स्थल का चयन किया जा रहा है। शहर से जंगल भेजे जाने वाले बंदरों को पहले इस सेंटर पर वैक्सीन लगाई जाएगी।

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