दबंगों ने दलित की बेटी संजली जला दिया, उसके बाद भाई भी भगवान को प्यारा हुआ, लेकिन सब खामोश क्यों?

Update: 2018-12-22 16:32 GMT

उत्तर प्रदेश में स्तिथ ताज की नगरी आगरा में अत्याचार, ज़ुल्म और ज़्यादती की सारी हदें पार हो गई हैं। जहाँ दबंगों ने जिस दलित लड़की संजलि को जलाकर मार डाला था उसके चचेरे भाई ने भी ज़हर खाकर अपनी जान दे दी। वो दिल्ली के अस्पताल में भर्ती अपनी बहन को देखने गया था। लेकिन उससे बहन की हालत देखी न गई। वो वापस घर आया और ख़ुदकुशी कर ली। लड़के की उम्र 25 साल थी। 


मंगलवार 18 दिसम्बर, आगरा से 20 किमी. दूर लालामऊ गाँव के पास दो दबंगों ने स्कूल से वापस लौट रही 10वीं में पढ़ने वाली मासूम बच्ची को आग के हवाले कर दिया था। इस हैवानियत में बच्ची 75 फ़ीसदी झुलस गई थी जिसके बाद उसे दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अफ़्सोस कि 36 घंटे तक जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया। इतने घिनौने अपराध के बावजूद पुलिस के हाथ अब तक ख़ाली हैं। दोनो आरोपी फ़रार हैं और पुलिस सिर्फ़ बयानबाज़ी कर रही है।


गोकशी के हर मामले में बोलने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में अब तक ख़ामोश हैं। उनकी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है। वो बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध मामले में भी लम्बे समय तक चुप थे। लेकिन इस घटना पर सीएम योगी की चुप्पी किस और इशारा करती है। जबकि केंद्र और राज्य सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढाओ का नारा देती हो उस प्रदेश में लगातार बेटीओं पर अत्याचार हो रहा है। हर महीने कोई न कोई बड़ी घटना जरुर घट जाती है जबकि सरकार खामोश रह जाती है।

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