पूरा परिवार मिलकर कर रहा था ठगी और जी रहे थे आलीशान जिंदगी, लेकिन हुई इस घटना पहुंचा दिया जेल

Update: 2019-07-29 10:53 GMT

यूपी की साइबर पुलिस ने ठगी करने वाले एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जिसमे बाहर के नहीं घर के ही सारे लोग शामिल थे. घर बैठे ही यह लोग देशभर में ठगी का नेटवर्क चला रहे थे. हैरान करने वाली बात यह है कि देशभर में ठगी का यह धंधा आगरा में शहर से दूर देहात के एक इलाके से चल रहा था. पकड़े गए ठग के दूसरे रिश्तेदार भी इसी तरह से गिरोह बनाकर देशभर में नौकरी के नाम पर ठगी का नेटवर्क चला रहे हैं.

नौकरी के नाम पर गिरोह ऐसे करता था ठगी

गिरोह का खुलासा करने वाले साइबर क्राइम यूनिट के इंस्पेक्टर शैलेश कुमार सिंह ने बताया, गिरोह का सरगना मुकेश 10 साल से ठगी का नेटवर्क चला रहा था. प्रमुख अखबारों में नौकरी के आकर्षक विज्ञापन देता था. विज्ञापन में फोन नंबर पर संपर्क करने के लिए लिखा होता था. लोग दिए गए नंबर पर फोन करते तो 550 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस भरने को कहा जाता. फीस जमा करने के कुछ दिन बाद शिकार को फिर फोन किया जाता और टेलीफोनिक इंटरव्यू की बात कहकर 15000 रुपए एकाउंट में जमा कराए जाते थे. जैसे ही शिकार पैसे जमा करता मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया जाता था.

मुम्बई से आई शिकायत के बाद गिरोह का ऐसे हुआ खुलासा

इंस्पेक्टर शैलेश कुमार सिंह के अनुसार साइबर क्राइम यूनिट को मुंबई और अहमदाबाद से दो ईमेल आए. ईमेल में बताया गया था कि चर्चित अखबारों में नौकरी लगाने के नाम पर विज्ञापन देकर रजिस्ट्रेशन एवं सिक्योरिटी के नाम पर यूपी के बैंक खातों में रकम जमा कराकर ठगी की जा रही है. मामले को गंभीरता से लेते हुए आईजी ए. सतीश गणेश ने साइबर यूनिट को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. इस तरह से जांच करते हुए यूनिट ने पूरे गिरोह का खुलासा किया.

ठगों ने देहात में बना रही है करोड़ों की कोठी

साइबर यूनिट ने जब गिरोह के सरगना मुकेश बाबू के घर छापा मारा तो पुलिस भी उसके घर को देखकर दंग रह गई. यह कोई मामूली घर नहीं था. देहात इलाके में होने के बावजूद घर में इंटीरियर और फर्नीचर का महंगा काम कराया गया था. घर में सजावट का सामान भी कोई कम महंगा नहीं था. पूरा परिवार लग्जरी जिंदगी जी रहा था. बाइक और कारें भी खड़ी थीं.

जीजा ही नहीं साले भी चला रहे थे गिरोह

शैलेश कुमार सिंह के अनुसार पकड़े गए मुकेश बाबू के दो साले भी ठगी का यह ही धंधा करते हैं. उनके भी अपने अलग-अलग गिरोह हैं. गिरोह में परिवार के ही सदस्य शामिल हैं. मुकेश बाबू ने शादी के बाद अपने साले से ही ठगी के इस धंधे को सीखा था.

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