चाचा शिवपाल ने दिया भतीजे अखिलेश को ये बड़ा संदेश

साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तब की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में सियासी घमासान छिड़ गया था.

Update: 2020-08-15 15:44 GMT

साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तब की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में सियासी घमासान छिड़ गया था. परिणाम मुलायम सिंह यादव के परिवार में टूट और चुनाव में हार के तौर पर मिला. समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) का गठन कर यूपी की सियासत में ताल ठोकने वाले शिवपाल सिंह यादव के तेवर भी अब नरम पड़ने लगे हैं.

स्वतंत्रता दिवस के दिन शिवपाल ने भतीजे अखिलेश यादव के लिए बड़ा संदेश दे दिया. स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने इटावा के शहीद स्मारक पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे को एक तरह से सुलह का संदेश दे डाला. शिवपाल ने कहा कि 202 की लड़ाई (विधानसभा चुनाव) के लिए सबकुछ त्याग करने के लिए कह दिया है.

पीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैं चाहता हूं, सभी समाजवादी फिर से एक हो जाएं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जनता फैसला लेगी. जनता का जो फैसला होगा, उसका सम्मान करेंगे. शिवपाल ने इस अवसर पर डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को भी याद किया और कहा कि आजादी लड़ाई में सभी समाजवादियों, खासकर डॉक्टर लोहिया का योगदान काफी अहम रहा.

गौरतलब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव के समय परिवार में आई दरार अब कम होती नजर आ रही है. अखिलेश यादव के सुर भी अब चाचा शिवपाल को लेकर काफी नरम पड़ चुके हैं. समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक शिवपाल यादव की सदस्यता खारिज करने की मांग को लेकर विधानसभा के स्पीकर के समक्ष दायर याचिका भी वापस ले ली थी. शिवपाल ने इसके लिए सपा को धन्यवाद भी दिया था. माना जा रहा है कि दोनों ही खेमे अब एकजुटता चाहते हैं. 

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