चाचा शिवपाल का मिला भतीजे को आशीर्वाद, परिवार में ख़ुशी का माहौल

Update: 2021-03-27 07:42 GMT

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) ने भतीजे अभिषेक यादव को फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का आर्शीवाद दिया हैं. वहीं बड़े भतीजे अखिलेश यादव को समर्थन भले ही ना मिला सका हो. लेकिन छोटे भतीजे अभिषेक को चाचा शिवपाल का साथ मिल गया है. दरअसल में शिवपाल सिंह यादव अपने निर्वाचन क्षेत्र जसंवतनगर में जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार सीमा यादव के समर्थन में आयोजित एक पंचायत सभा को संबोधित करते हुए ऐलान कहा कि वो चाहते है कि एक बार फिर से अभिषेक जिला पंचायत अध्यक्ष बने.

शिवपाल ने कहा कि वे ऐसा चाहते है कि जिला पंचायत चुनाव में सपा और प्रसपा की एक हो जाए. उन्होने अपने भतीजे निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव को फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने की अपील की. इसी चुनाव से परिवार के एकता की शुरुआत हो. प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी एवं परिवार में फिर से एक होने की पहल करते हुए अपने भतीजे अभिषेक यादव को फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की अपील की. उनका कहना है कि उनकी मंशा जिला पंचायत चुनाव मिलकर सपा- पीएसपी एक साथ लड़े वे यह नहीं चाहते है कि विरोधी पार्टी का कोई जिला पंचायत अध्यक्ष बने.

उनका कहना है कि 2022 में हम अलग फैसला ले लेंगे. 2015 में शिवपाल सिंह के बड़े भाई राजपाल यादव के बेटे अभिषेक यादव समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत कर आए थे. उसके बाद इटावा के 24 जिला पंचायत सदस्यों ने सर्वसम्मति से अभिषेक यादव को वोट कर जिला पंचायत अध्यक्ष चुना था. शिवपाल सिंह की विधानसभा जसवंत नगर से 9 जिला पंचायत सदस्य चुनकर आते हैं जो कि इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

1987 से समाजवादी पार्टी का कब्जा

अब जबकि शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना चुके हैं. अब ऐसे में चाचा शिवपाल के आशीर्वाद भतीजे अभिषेक को मिलना कई मायने की ओर भी इशारा कर रहा है. बता दें कि इटावा की जिला पंचायत सीट पर वर्ष 1987 से समाजवादी पार्टी का कब्जा बरकरार है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और पूर्व सांसद राम सिंह शाक्य जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में इस पद पर काबिज रहे. वर्ष 1995 में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई तो विधायक महेंद्र सिंह राजपूत अध्यक्ष बने.

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