संसद में पीएम मोदी ने राम मंदिर ट्रस्ट का किया ऐलान, जानिए ये होगा नाम? लोकसभा में लगे ये नारे....

यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए किसी तरह का निर्णय लेने कि लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।

Update: 2020-02-05 05:54 GMT

बुधवार को बजट सत्र का पांचवे दिन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का एलान कर दिया गया है। इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट होगा। ट्रस्ट का ऐलान होते ही जय श्री राम के नारे भी लगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करोड़ों देशवासियों की तरह ही मेरे हृदय के करीब इस विषय पर बात करना मैं अपना सौभाग्य समझता हूं। ये विषय श्रीराम जन्म भूमि से जुड़ा हुआ है। इसके बाद पीएम ने संसद में राम मंदिर ट्रस्ट का एलान किया। उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट का नाम 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' होगा। पीएम ने कहा कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए किसी तरह का निर्णय लेने कि लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि 9 नवंबर, 2019 को मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पंजाब में था। वो एक अद्भुत अनुभव था। मुझे राम जन्मभूमि मामले पर ऐतिहासिक निर्णय के बारे में पता चला था, जबकि मैं वहां था। सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था। इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने को भी कहा गया था। 

यह था अदालत का फैसला

बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसले में एक सदी से अधिक पुराने मामले का पटाक्षेप करते हुए अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और साथ में व्यवस्था दी कि पवित्र नगरी में मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाए.

अदालत ने कहा था कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे. पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए.चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मत फैसला दिया और कहा था कि हिन्दुओं का यह विश्वास निर्विवाद है कि संबंधित स्थल पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था तथा वह प्रतीकात्मक रूप से भूमि के मालिक हैं.

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