मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में 'आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' का शुभारम्भ किया

Update: 2018-09-23 14:48 GMT

 तौसीफ कुरैशी की रिपोर्ट 

लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बी आर डी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में 'आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' का शुभारम्भ किया। उन्होंने 5 लाभार्थियों-पुनीता, रोहन, राममिलन भारती, कैलाश और ऊषा देवी को गोल्डेन ई-कार्ड का वितरण किया। साथ ही, आयुष्मान भारत के थीमसांग का विमोचन भी किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री  द्वारा रांची में इस योजना के शुभारम्भ कार्यक्रम के सजीव प्रसारण का उपस्थित लोगों ने अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार 'आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' के अन्तर्गत करोड़ों भारतवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी और उन्हें गम्भीर बीमारियों के इलाज हेतु निःशुल्क चिकित्सा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के लगभग 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष प्रति परिवार स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जाएगा। साथ ही, देश के लगभग 50 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित होंगे। प्रदेश में इस योजना के तहत 1.18 करोड़ परिवारों को सामाजिक,आर्थिक जनगणना के आधार पर शामिल किया गया है,जिससे लगभग 6 करोड़ लोगों को योजना का लाभ मिलेगा। जनपद गोरखपुर के लगभग 3 लाख परिवार प्रथम चरण में लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त, छूटे हुए लोगों को भी इस योजना से आच्छादित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक कल्याण की यह बड़ी योजना है और इसके तहत बिना भेदभाव पात्रों को आच्छादित किया जाएगा। मरीज को किसी भी सूचीबद्ध चिकित्सालय (निजी एवं सरकारी) में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी। सभी पुरानी एवं नई गम्भीर बीमारियोें जैसे-कैंसर, हृदय रोग आदि का इलाज अब सम्भव होगा। इस योजना की माॅनीटरिंग राज्य सरकार स्वयं करेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीनेशन अभियान को पल्स पोलियो की तर्ज पर वृहद रूप से चलाया गया और उसका अच्छा प्रभाव भी पड़ा। इससे इस बीमारी पर नियंत्रण पाने में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि यदि स्वच्छता, शुद्ध पेयजल एवं वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में जागरूकता लायी जाए, तो इंसेफेलाइटिस ही नहीं, बल्कि समस्त विषाणुजनित बीमारियों को समाप्त किया जा सकता है। इसके लिए जनसहभागिता एवं जनजागरूकता की आवश्यता है। इस अभियान की सफलता में सभी को आगे आना होगा।मुख्यमंत्री जी ने बताया कि बीआरडी मेडिकल काॅलेज में रीजनल रिसर्च सेण्टर की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, गोरखपुर में एम्स का निर्माण भी किया जा रहा है। अगले महीने 8 नए सुपर स्पेशिलिटी ब्लाॅकों का शुभारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एम्स के तैयार होने से पहले बीआरडी मेडिकल काॅलेज मिनी एम्स के रूप में कार्य करेगा।


उन्होंने कहा कि इस मेडिकल काॅलेज में 108 बेड का रैन बसेरा भी समर्पित किया गया है। यहां की सड़कों को ठीक कराया गया है, ताकि मरीजों व उनके अटेण्डेन्ट को आने-जाने में कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज में 500 बेड का बाल चिकित्सा संस्थान बनाया जा रहा है। इसके अलावा, सी0आर0सी0 की स्थापना का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा के लिए प्रत्येक चिकित्सालय में बीमारियों के उपचार एवं राज्य सरकार द्वारा इलाज हेतु उपलब्ध कराए जा रहे पैकेजों की सूची लगायी जाए। अब बीमारी के इलाज हेतु गरीब को अपना खेत नहीं बेचना पड़ेगा, जेवर गिरवी नहीं रखना पड़ेगा और इलाज के पैसे के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।उन्होंने कहा कि जब लोग स्वस्थ एवं खुशहाल होंगे, तभी सशक्त राष्ट्र विकसित होगा।


इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि योजना के तहत प्रदेश में 700 से ऊपर अस्पताल सूचीबद्ध हैं तथा भविष्य में लगभग 2000 अन्य अस्पतालों को भी शामिल किया जाएगा। इस प्रकार 2500 अस्पतालों को इसके तहत सम्मिलित किया जाना है। इन सूचीबद्ध अस्पतालांे में पात्र मरीजों का इलाज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कस्बांे में भी आधुनिक अस्पताल खोला जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त लोगों को सस्ते मूल्य पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए 100 जन औषधि केन्द्र खोले गए हैं। गरीब जब स्वस्थ होगा, तो प्रदेश स्वस्थ होगा। स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में इस योजना को संचालित किया गया है।इस अवसर पर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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