अयोध्या प्रकरण में गोरखनाथ मंदिर के महंत का रहा मुख्य रोल, जानिए सन 1986 लेकर 2019 तक की बात!

Update: 2019-11-09 07:35 GMT

 यह संयोग ही कहा जाएगा कि अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में जब भी कोई महत्वपूर्ण घटना घटी है उसका संबंध गोरखनाथ मंदिर से जुड़ा है. 22-23 दिसंबर 1949 को जब विवादित ढांचे में रामलला का प्रकटीकरण हुआ उस दौरान वहां तत्कालीन गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजय नाथ जी कुछ साधु संतों के साथ संकीर्तन कर रहे थे.

1986 में जब फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित मस्जिद के दरवाजे पर लगा ताला खोलने का आदेश दिया था तो ताला खोलने के लिए वहां पर गोरखनाथ मंदिर के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ जी मौजूद थे. बाद में राम जन्मभूमि आंदोलन का केंद्र भी अवैद्यनाथ जी के नेतृत्व में गोरखनाथ मंदिर बन गया था.

और आज जब एक लंबे इंतजार के बाद 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने जा रहा है तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उसी गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान महंत योगी आदित्यनाथ हैं. अयोध्या आंदोलन से गोरखनाथ मंदिर का यह जुड़ाव बहुत कुछ कहता है.


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