पति के साथ मिलकर की प्रेमी की हत्या फिर बोरे में भरकर शव को दूर फेंका

यह मामला पीपीगंज का है जहां एक प्रेमिका ने अपने पति के साथ मिलकर प्रेमी की हत्या कर दी और शव को ठिकाने लगा दिया।

Update: 2022-12-18 04:45 GMT

गोरखपुर के खोराबार के इलाके के रहने वाले प्रेमी को पीपीगंज इलाके में स्थित अपने घर पर बुलाकर प्रेमिका ने पति के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को 24 घंटे तक घर में छिपा कर रखा। उसके बाद अगले दिन गांव से सात किमी दूर सहजनवां इलाके के माडर रेगुलेटर के पास बंधे किनारे बोरे में बांध कर फेंका था। आधी रात को शव को बाइक पर बीच बोरे में रखकर दम्पत्ति ले गए थे। पति बाइक चला रहा था तो पत्नी बोरे में भरा शव पकड़कर पीछे बैठी थी। पुलिस ने पति-पत्नी को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया। पूरी घटना से पुलिस की रात्रि गस्त पर सवाल खड़ा हो गया है।

बंधे के किनारे मिला था शव 

एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि 14 दिसम्बर को सहजनवां थाना क्षेत्र के माडर रेगुलेटर के निटक बंधा के किनारे एक युवक की लाश मिली थी। भैंस चराने गए लोगों ने बोरे में शव बंधा देखकर पुलिस को सूचना दी थी। अगले दिन उसकी शिनाख्त खोराबार के लालपुर टीकर गांव के छावनी टोला निवासी मुन्ना कुमार (28) के रूप में हुई जिसके बाद सहजनवां पुलिस ने जांच शुरू की तो हत्या के पीछे आशनाई का मामला सामने आया। जांच में पता चला कि पीपीगंज के बेलघाट बुजुर्ग गांव निवासी राहुल शर्मा के घर अक्सर यह दिखता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि मुन्ना की गांव की सीता की शादी राहुल शर्मा से हुई है। सीता से मुन्ना का शादी से पहले से सबंध था। वह सीता से मिलने अक्सर उसके ससुराल जाता था। वहां सीता को अपनी मुंहबोली बहन बताता था। सीता का पति राहुल शर्मा कारपेंटर का काम करता है वह बाहर रहता था लिहाजा किसी को कुछ पता नहीं चलता था। लेकिन दिवाली में जब वह घर आया तब उसे मुन्ना के बारे में पता चला। इसको लेकर सीता और राहुल में विवाद हुआ। कलह बढ़ने पर दोनों ने मुन्ना का रास्ते से हटाने की योजना बनाई। सीता ने 12 दिसम्बर को मुन्ना को अपने घर पीपीगंज के बेलघाट में बुलाया। तय प्लान के मुताबिक राहुल शर्मा ने उसे खूब दारू पिलाई और जब वह पूरी तरह से नशे में धुत्त हो गया तब उसके सिर पर प्रहार कर उसकी हत्या कर दी।

SSP ने बताया कि 

एसएसपी ने बताया कि 12 दिसम्बर की रात में ही मुन्ना की हत्या कर दी गई थी लेकिन उन्होंने शव को ठिकाने लगाने के बारे में नहीं सोचा था लिहाजा शव को अपने घर में 24 घंटे तक छिपाए रखे। 13 दिसम्बर को दिन में उन्होंने शव फेंकने के लिए सुनसान स्थान की रेकी की। जिसके बाद 13 दिसम्बर की रात में नौ बजे के बाद बोरे में शव को भर कर घर से सात किमी दूर ले जाकर बंधे के किनारे फेंक आए। वहीं उसका मोबाइल व जूता पन्नी में बांधकर सिसई घाट से राप्ती नदी में फेंक दिया।

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