BJP MLC ने विकास दुबे मामले में सीएम योगी को लिखा पत्र, भाई और परिवार को प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

जेपी एमएलसी ने आरोप लगाया है कि पुलिस पैसों के लिए प्रताड़ित कर रही है.

Update: 2021-03-16 06:50 GMT

यूपी के कानपुर में हुए बिकरु कांड को लेकर बड़ी खबर है. मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर केस में एनकाउंटर में मारे गए अपराधी विकास दुबे के परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री से मिलकर एमएलसी ने शिकायती पत्र सौंपा है. बीजेपी एमएलसी ने आरोप लगाया है कि पुलिस पैसों के लिए प्रताड़ित कर रही है. मामले में मुख्यमंत्री योगी ने आश्वाशन दिया है कि कोई भी निर्दोष गलत नहीं फंसाया जाएगा.

बता दें बीजेपी एमएलसी उमेश द्विवेदी अखिल भारतीय ब्राह्मणोंत्थान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है. ब्राह्मण उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाने को लेकर वह लगातार चर्चा में रहे हैं.

उमेश द्विवेदी ने लिखा है कि अंजली दुबे ने प्रार्थनापत्र दिया है, जो इस पत्र के साथ संलग्न है, उस का अवलोकन करने का कष्ट करें. ये बिकरु कांड के बाद निर्दोष पति-पत्नी पर पुलिस द्वारा अनर्गल लगाए गए मुकदमे को समाप्त करने के संबंध में है. इनका व इनके पति दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक को चर्चित बिकरू, कानपुर कांड में फर्जी मुकदमे के आधार पर फंसाया जा रहा है. पुलिस द्वारा इनके परिवार के प्रताड़ित किया जा रहा है. जिससे इन्हें मानसिक क्षति हो रही है. इनके दो पुत्र हैं, जिनका पालन-पोषण करने में इन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अनुरोध है कि अंजली दुबे व इनके पति पर लगे मुकदमों की उच्च स्तरीय विवेचना कराकर मुकदमा समाप्त कराने के लिए संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें.


इस पत्र के साथ अंजली दुबे का जो प्रार्थना पत्र संलग्न है, उसें लिखा है कि वह और उनके पति दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक लखनऊ के कृष्णानगर में पिछले 15 साल से मकान बनाकर रह रहे हैं. जिस रात बिकरु कांड हुआ, उस रात भी मेरे पति मेरे साथ थे, जिसे पुलिस ने भी माना है. फिर भी जबरन कबाड़ की खरीदी गई गाड़ी को आधार बनाकर मेरे पति पर फर्जी मुकदमा लाद दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया. मेरे ऊपर भी जब किसी प्रकार का आरोप नहीं मिला तो मेरे द्वारा प्राप्त किए गए शस्त्र के आवेदन में पारिवारिक अन्य शस्त्रों का ब्योरा न होने का मुकदमा दर्ज कराया गया. जबकि मेरे पास 10 वर्ष पूर्व का बना लाइसेंस है.

इसी को आधार बनाकर लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा डराया, धमकाया व गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है. पुलिस ने मेरे पूरी परिवार का जीना दूभर कर दिया है. जबकि मेरा व मेरे पति का बिकरु कांड से कोई लेना देना नहीं था और न ही उस केस में हम पति-पत्नी की किसी भी प्रकार की संलिप्तता पुलिस की जांच में पाई गई.

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