कानपुर शहर के डिप्टी पड़ाव में रहने वाले पत्रकार विजय गुप्ता के मर्डर का खुलासा जांच कर पुलिस जल्द ही करेगी। लेकिन पुलिस ने अगर समय रहते कदम उठा लिया होता तो पत्रकार विजय गुप्ता जिंदा होते मरते नहीं?
पुलिस के मुताबिक विजय गुप्ता व उसके बड़े भाई मनोज से बीती रात दिवाली में काफी झगड़ा हुआ था। जिस पर मनोज ने विजय गुप्ता को जान से मारने व शहर से गायब करने की धमकी दी थी। इस घटना की सूचना पत्रकार विजय गुप्ता ने थाना रायपुरवा एस.एच.ओ को दी थी, किंतु SHO का कहना था की यह विजय गुप्ता की मनगढ़ंत कहानी है।
लेकिन आज ये मनगढ़ंत कहानी कहीं ना कहीं सच साबित होती दिख रही है। बड़ा सवाल है कि क्या SHO की इस गलती पर अधिकारी उनको निलंबित कर उचित विभागीय कार्यवाही करेंगे ?पुलिस अभी तक दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है साथ ही साथ एक टीम जिला उन्नाव भी भेजी गई है.
प्रापर्टी विवाद में बड़े भाई मनोज ने दिवाली की रात गोली मारकर हत्या की. हत्या के बाद छोटे भाई रतन गुप्ता के साथ शव को उन्नाव में ठिकाने लगाया. एसएसपी ने बताया कि बॉडी रिकवर के लिए एक सीओ के नेतृत्व एक टीम उन्नाव भेजी गई है. साथ पूरे मामले के खुलासे में एसपी पूर्वी राज कुमार अग्रवाल भी लगे वही जर्नलिस्ट क्लब द्वारा दिवगंत पत्रकार द्वारा तीन दिन पहले एक प्रार्थना पत्र देकर जान मारने की धमकी के मामले में कार्यवाही न करके लापरवाही बरतने वालो पर कार्यवाही की भी मांग की है.