मेरठ में पकड़े गए पीएफआइ सदस्‍यों के दफ्तर में मिला दिल दहला देने वाला साहित्य

Update: 2022-09-27 11:04 GMT

मेरठ में पकड़े गए चार पीएफआइ के बारे में अहम जानकारियां सामने आ रही हैं। पीएफआइ के सदस्यों ने जागृति विहार (एक्सटेंशन) योजना सख्या 11 सैक्टर-दो, में बने नवनिर्मित खाली पडे फ्लैट पर आफिस बना रखा था। मोहम्मद इस्लाम की निशानदेही पर एसटीएफ ने कार्यालय से अवांछिनीय साहित्य बरामद किया है, जिसमें मुस्लिमों को जनसंख्या बढ़ाने और अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग को उच्च वर्गों से लड़ाने की प्लानिंग थी।

इन चारों को किया था गिरफ्तार

इतना ही नहीं न्यायिक सेवा में अपने लोगों की घुसपैठ कराने के लिए भी मुस्लिमों को उकसाया जा रहा है। शनिवार को एटीएस और खरखौदा पुलिस ने संयुक्त अभियान में विभिन्न क्षेत्रों से पीएफआइ के सदस्य मोहम्मद शादाब अजीम कासमी पुत्र हाफिज उमेद अली निवासी ग्राम सोंटा रसूलपुर थाना- थानाभवन, शामली, मुफ्ती शहजाद पुत्र मौलाना उमरे निवासी ग्राम नेकपुर थाना मुरादनगर गाजियाबाद, मौलाना साजिद पुत्र सज्जाद निवासी ग्राम मामोर थाना कैराना शामली और मौहम्मद इस्लाम कासमी पुत्र मोहम्मद अख्तर निवासी ग्राम जोगियाखेड़ा परसौली थाना फुगाना मुजफ्फरनगर को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है।

सभी को भेज गया जेल

सभी के खिलाफ खरखौदा थाने में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। एटीएफ नोएडा के प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार ने बताया कि मोहम्म इस्लाम कासमी की निशानदेही पर मेडिकल थाने के जागृति विहार में छापा मारा गया है।

इस प्रकार मिला साहित्‍य

मकान के अंदर से कुछ साहित्य मिला है, जिसमें लिखा है कि हिन्दुओं को नुकसान पहुचाने वर्ष 2047 तक मुस्लिमों को राजनैतिक शक्ति बनने तथा भारत में इस्लामिक सरकार बनाने, मुस्लिमों को संगठित करने तथा उन्हें शस्त्र प्रशिक्षण देने संविधान तथा राष्ट्र ध्वज की आड मे इस्लामिक शरियत को लागू करना, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति, पिछडा वर्ग को उच्च वर्गों से लड़ाने का काम करना है। उसके अलावा पुलिस, सेना तथा न्यायिक सेवाओ मे अपने कैडर के सदस्यों की घुसपैठ कराने की भी प्लानिंग की गई है।

केरल के मंजीरी में हथियारों की ट्रेनिंग ले चुके है चारों आरोपित

एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि पीएफआइ की आड में आरोपित केरल के मंजीरी स्थित पीएफआई के ट्रेनिंग कैम्प में कई बार जाकर जूडो-कराटे और हथियारों की ट्रेनिंग ले चुके है। उनका कहना था कि वहां पर पीएफआइ द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने वाले साहित्य पढ़ाए जाते है। साथ ही ऐसे वीडियो भी ट्रेनिंग में दिखाए जाते है।

आरोपित इन संगठनों से रखते है ताल्लुक

1. मोहम्मद शादाब अजीज कासमी वर्तमान में आल इंडिया इमाम काउंसिल का पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष, एसडीपीआइ का जनरल सचिव तथा पूर्व मेंपीएफआई सदस्य रह चुका है।

2. मौलाना साजिद पीएफआई उत्तर प्रदेश का एडहाक कमेटी और एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य है।

3. मुफ्ती शहजाद पीएफआई उत्तर प्रदेश का एडहाक कमेटी का सदस्य है।

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