शादी करने दो युवतियां पहुंची काशीपुर, इस वजह से नहीं हो पाई उनकी शादी

यूपी के ठाकुरद्वारा (मुरादाबाद) के एक गांव की युवती और ऊधम सिंह नगर जिले के पैगा चौकी क्षेत्र की एक युवती समलैंगिक विवाह के लिए काशीपुर में मजिस्ट्रेट के पास पहुंचीं पर मजिस्ट्रेट ने आवेदन लेने से ही इनकार कर दिया.

Update: 2019-07-23 06:31 GMT

उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा (मुरादाबाद) के एक गांव की युवती समलैंगिक विवाह करने लिए काशीपुर कोर्ट पहुंच गई. पैगा चौकी क्षेत्र की दूसरी युवती भी उससे शादी करने को तैयार थी लेकिन मजिस्ट्रेट ने उनका आवेदन ही नहीं लिया. फेसबुक के माध्यम से दोस्त बनीं दोनों युवतियों के बीच पिछले दो वर्ष से समलैंगिक संबंध हैं. दोनों ने आपस में विवाह करने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में आवेदन किया, लेकिन संयुक्त मजिस्ट्रेट ने आवेदन लेने से इनकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एक आदेश में समलैंगिकों के संबंधों को वैध करार दिया था. इसी से उत्साहित होकर दोनों युवतियों ने विवाह का फैसला कर लिया. काशीपुर क्षेत्र की रहने वाली युवती के परिजन उसका विवाह लगभग तय कर चुके हैं. उसने यह बात अपनी मुरादाबाद की रहने वाली समलैंगिक सहेली को बताई. इससे बचने के लिए दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. उन्होंने महिला अधिवक्ता हेमा जोशी से संपर्क किया.

हेमा ने युवतियों को शादी का आवेदन करने के लिए काशीपुर बुला लिया. दोनों काशीपुर में एक परिचित के घर रुकीं. विवाह पंजीकरण कराने से संबंधित कार्यवाही के लिए संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना से संपर्क किया. संयुक्त मजिस्ट्रेट ने कह दिया कि विशेष विवाह अधिनियम में समलैंगिकों के विवाह के लिए कोई प्रावधान नहीं है. इसे लेकर अभी कानून नहीं बना है. उन्होंने बताया कि दोनों युवतियां बालिग हैं. वे मर्जी से साथ रहने को स्वतंत्र हैं. यदि वे सुरक्षा की मांग करतीं हैं तो उन्हें नियमानुसार सुरक्षा प्रदान की जा सकती है. इसके बाद दोनों युवतियां निराश हो घर लौट गईं. संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना ने कहा कि एक महिला अधिवक्ता दो युवतियों का आपस में विवाह पंजीकृत कराने के बारे में जानकारी लेने आईं थी. उन्हें विशेष विवाह अधिनियम में ऐसा कानून न होने के बारे में बता दिया गया है.

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