आजम खान के सबसे चहेती बिल्डिंग पर चल सकता है प्रशासन का बुलडोजर, जिसका उद्घाटन मुलायम सिंह यादव ने किया था

इस रिसॉर्ट के लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के नाले की एक हजार गज जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है. सिंचाई विभाग इस मामले में आजम खान को नोटिस भी जारी कर चुका है.

Update: 2019-08-16 03:44 GMT

रामपुर से सांसद व सपा के कद्दावर नेता अजाम खान (Azam Khan) पर प्रशासन का शिकंजा कसता ही जा रहा है. पहले भूमाफिया घोषित किया गया, फिर जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) के मुख्य द्वारा को ध्वस्त करने का आदेश मिला. अब जिला प्रशासन अजाम खान के लग्जरी हमसफर रिसॉर्ट (Hamsafar Resort) पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है. आरोप है कि अपने इस रिसॉर्ट के लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के नाले की एक हजार गज जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है. सिंचाई विभाग इस मामले में आजम खान को नोटिस भी जारी कर चुका है.

जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिह ने बताया कि हमसफर रिसॉर्ट में एक हजार गज जमीन पर कब्जा किया गया है. यह जमीन पसियापुरा शुमाली से बड़कुसिया नाले की है. नाले पर कब्जे से पानी निकासी में दिक्कत हो रही है. सिचाई विभाग की ओर से अवैध कब्जा हटाने के लिए नोटिस दिया गया है. अगर इसे नहीं हटाया गया तो बुलडोजर से तोड़ दिया जाएगा. रिसॉर्ट के पास ही पार्किंग के लिए भी अवैध कब्जा किया गया है. इसका मुकदमा एसडीएम की कोर्ट में चल रहा है.

मुलायम ने किया था लोकार्पण

बता दें कि सपा शासनकाल में आज़म खान ने इस लग्ज़री हमसफर रिसॉर्ट का निर्माण करवाया था. आजम खान के घर से तीन किलोमीटर दूर स्थित करोड़ों की लागत से बने इस रिसॉर्ट का लोकार्पण पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया था.




 जौहर यूनिवर्सिटी की एक और जांच SIT को सौंपी

इससे पहले आज़म के जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में 1 और मुश्किल आ गई है. यूनिवर्सिटी के अंदर 13.842 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति का मामला सामने आया है. जिसको लेकर जिला प्रशासन की संस्तुति (सिफारिश) पर शासन ने एसआईटी को जांच सौंप दी है.

जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने का आदेश

आज़म खान जौहर यूनिवर्सिटी के संस्‍थापक और चांसलर हैं. इस यूनिवर्सिटी को लेकर पहले भी एसआईटी की जांच हुई है. बता दें कि हाल ही में यूपी जिलाधिकारी सदर के न्यायालय ने आज़म खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर जा रहे सार्वजनिक मार्ग से अवैध कब्जा हटाने के आदेश दिए थे. उप-जिलाधिकारी सदर रामपुर प्रेम प्रकाश तिवारी ने क्षतिपूर्ति के रूप में आज़म खान पर 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

उप-जिलाधिकारी सदर न्यायलय ने यह भी आदेश दिया है कि कब्जा मुक्त होने तक 9 लाख 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह की दर से 15 दिन के अंदर वादी लोक निर्माण विभाग में जमा कराए. आज़म खान पर किसानों और सरकारी जमीन के अवैध कब्जे का आरोप लगा है. इस मामले में एसआईटी जांच जारी है.

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