समाजवादी पार्टी कन्नौज की पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को रामपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है. यह सीट आजम खान के सांसद चुने जाने की वजह से खाली हुई है. बता दें कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं.
डिंपल यादव को रामपुर सीट से मैदान में उतारने को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस मामले जल्द ही औपचारिक घोषणा भी हो सकती है. गौरतलब है कि यूपी की जिन 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से रामपुर की सीट भी शामिल है. आजम खान इस सीट से 9 बार विधायक चुने गए हैं. लिहाजा, आजम खान के इस मजबूत किले को बचाने के लिए डिंपल के नाम पर चर्चा चल रही है.
सपा को उम्मीद बसपा और कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी
एक वरिष्ठ सपा नेता ने बताया कि बसपा से गठबंधन टूटने के बाद भी उन्हें उम्मीद है कि डिंपल यादव के मैदान में उतरने से बसपा इस सीट से प्रत्याशी नहीं उतारेगी. कांग्रेस से भी यही उम्मीद है, क्योंकि वोट के बंटवारे से बीजेपी को फायदा हो सकता है.
जया प्रदा को उतार सकती है बीजेपी
वहीं, बीजेपी रामपुर जया प्रदा को मैदान में उतार सकती है. डिंपल को मैदान में उतारने की कवायद इस बात पर निर्भर करती है कि क्या बीजेपी जया प्रदा को मैदान में उतारती है या नहीं. हालांकि, लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी जया प्रदा लगातार रामपुर का दौरा कर रही हैं, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी रामपुर से उन्हें उपचुनाव लड़ा सकती है.
बता दें कि रामपुर की सीट आजम खान का मजबूत गढ़ माना जाता है. वह इस सीट से लगातार जीत रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी के अलावा बसपा भी अभी तक जीत नहीं दर्ज कर सकी है.
उपचुनाव से डिंपल ने शुरू किया था सियासी सफर
डिंपल यादव ने अपना सियासी सफर 2009 में फिरोजाबाद सीट से लोकसभा उपचुनाव लड़ने के साथ शुरू किया था. लेकिन, उन्हें राजबब्बर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वह 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में चह निर्विरोध जीती थीं. इसके बाद साल 2014 के मोदी लहर में भी डिंपल कन्नौज की सीट बचाने में कामयाब रही थीं. लेकिन, इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार का सामना करना पड़ा.