गोरखपुर चौरीचौरा की पूर्व विधायक संगीता यादव को मिला धैर्य का परिणाम, घोषित की गईं राज्यसभा प्रत्याशी
चौरीचौरा से विधायक रह चुकी हैं संगीता यादव;
गोरखपुर के चौरीचौरा विधानसभा सीट से 2017 में विधायक रहीं संगीता यादव (Sangeeta Yadav) को भारतीय जनता पार्टी
ने अपनी सूची में स्थान देकर उनकी मेहनत का इनाम दिया है। गोरखपुर में संगीता यादव राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रही हैं। वर्ष 2013 में भाजपा में आने के बाद से संगीता यादव लगातार पार्टी के लिए काम करती रहीं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें चौरीचौरा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया और उन्हें जीत मिली। लेकिन, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन के तहत निषाद पार्टी को चली गई। टिकट कटने के बाद संगीता ने एक बार भी पार्टी के फैसले पर आपत्ति नहीं जताई। टिकट कटने के बाद कई उम्मीदवार नाराज होकर घर बैठ गए थे, लेकिन संगीता लगाातार विधानसभा क्षेत्र में डटी रहीं। गठबंधन उम्मीदवार को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
कौन हैं संगीता यादव आइए जानते हैं
संगीता यादव का जन्म 20 जुलाई 1981 को मुंबई के वोरीवली इलाके में हुआ था। उनके पिता का नाम आरपी यादव है। जन्म के बाद अधिकांश समय मुंबई में बिताने वाली संगीता ने वर्ष 2013 में गोरखपुर का रुख किया। वे चौरीचौरा में आकर जमीं और फिर यहां से भाजपा के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। 2017 में विधानसभा चुनाव जीत के साथ उन्होंने शानदार सफर का एक पड़ाव पार किया। उनके पति अजय कुमार मौर्य आयकर विभाग में जॉइंट कमिश्नर हैं। संगीता यादव ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एलएलबी की पढ़ाई की। इसके अलावा उन्होंने डिप्लोमा इन ह्यूमन राइट्स का कोर्स भी किया है।
साहित्यिक पुस्तकों में रुचि रखने वाली संगीता महिलाओं के रोजगार के मुद्दों को उठाती रही हैं। राजनीति के जरिए जनसेवा की बात करने वाली संगीता वर्ष 2013 में भाजपा से जुड़ने के बाद पिछड़ा वर्ग की प्रदेश मंत्री बनाई गई। 2017 में चौरीचौरा से विधायक बनने वाली संगीता वर्ष 2021 से भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।