उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के शव का हुआ पोस्टमार्टम, शव जलाने को लेकर पीड़िता के भाई ने कहीं ये बात

Update: 2019-12-07 07:21 GMT

उन्नाव। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार की रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। सफदरजंग अस्पताल की ओर से पहले ही अंदेशा जताया जा चुका था कि नब्बे फीसदी जली पीड़िता के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि बड़े प्रयासों के बावजूद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका. शाम में ही उसकी हालत खराब होनी शुरू हो गई थी. रात 11.10 बजे उसे कार्डियक अरेस्‍ट आया और 11.40 बजे उसकी मौत हो गई।

सफदरजंग अस्पताल में चल रहा पीड़िता का पोस्टमार्टम खत्म हो गया है। करीब एक घंटे तक चले इस पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसे फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. वाही के नेतृत्व में किया गया। पीड़िता का शव उन्नाव गांव के लिए निकल चुका है। नोएडा एक्सप्रेसवे से पुलिस काफिले के साथ पीड़ित का शव उन्नाव ले जाया जा रहा है।

पीड़िता के भाई ने अपनी बहन के लिए न्याय की मांग करते हुए शनिवार को कहा कि आरोपियों का भी वही हश्र होना चाहिए जो 'उसकी बहन ने झेला.' उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'उसने मुझसे मिन्नत की कि भाई मुझे बचा लो.' उन्होंने कहा, 'मैंने उससे कहा था कि तुम्हें बचा लिया जाएगा, चिंता मत करो. मैं बहुत दुखी हूं कि मैं उसे बचा नहीं सका.'वहीं अंतिम संस्कार को लेकर उन्होंने कहा कि अब उसमें जलाने लायक कुछ भी बचा नहीं है, हम शव को बिहार में अपने गांव ले जाएंगे और वहीं दफनाएंगे. 

बता दें कि पीड़िता को गुरुवार देर रात लखनऊ के सिविल अस्पताल से एयरलिफ्ट करके सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़िता ने इलाज के दौरान अपने भाई से आखिरी बार कहा था कि जिन्होंने मेरी ऐसी हालत की है, उन्हें छोड़ना मत। साथ ही उसने यह भी कहा था कि अभी वह मरना नहीं चाहती है। सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिडेंट डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया था कि जब वो ज़िंदा थी, बात कर सकती थी तो यही बात वो कर रही थी. बड़े भाई से बात करते हुए पीड़ित ने कहा था- "उसे छोड़ना नहीं है." बार-बार रिपीट कर रही थी, "क्या मैं बच जाऊंगी? मैं मरना नहीं चाहती."

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