शादी का झांसा, रेप, ब्लैकमेल और फिर ज़िंदा जला दिया... ये है उन्नाव की बहादुर बेटी की पूरी कहानी

ये है ये उन्नाव की बहादुर बेटी की पूरी कहानी, जिसे पढ़ कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे...

Update: 2019-12-07 07:59 GMT

उन्नाव रेप पीड़िता की मौत के बाद देशभर में हर तरफ मातम पसरा है. शुक्रवार रात 11: 40 पर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई. लोग इस घिनौने अपराध के लिए पुलिस और प्रशासन दोनों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं. पुलिस ने पहले मामला दर्ज नहीं किया था. आरोपी की गिरप्तारी हुई भी तो पुलिस की नाकामी के चलते वो जमानत पर रिहा हो गया. कहा जा रहा है कि पिछले करीब दो साल से आरोपी शिवम त्रिवेदी और उसका चचेरा भाई शुभम त्रिवेदी पीड़िता को परेशान कर रहा था. 

प्रेमजाल में फंसा कर रेप

एफआईआर के मुताबिक, उन्नाव के थाना लालगंज अंतर्गत साकेत नगर के रहने वाले शिवम त्रिवेदी ने पीड़िता को बहला फुसलाकर अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था. उसके बाद धोखे से उसे रायबरेली लाकर उसके साथ रेप किया. इतना ही नहीं उसने रेप का वीडियो भी बना लिया. वीडियो बनाने के बाद लगातार उसे वायरल करने और शादी की बात कहकर कई बार रेप किया.

कमरे में बंद किया

रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता ने शादी का दबाव बनाया तो शिवम त्रिवेदी एक बार फिर उसे रायबरेली लेकर आ गया. यहां किराए पर कमरा लेकर रहने लगा, लेकिन उसे घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता था. बाहर निकलने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी.

फर्जी शादी का झांसा

पीड़िता ने शादी की जिद की तो 9 जनवरी 2018 को रायबरेली सिविल कोर्ट ले जाकर शादी का कागजात तैयार करवाया गया. लगभग एक महीने रायबरेली में रखने के बाद उसे गांव लाकर छोड़ दिया. इसके बाद जब भी पीड़िता शादी के लिए कहती तो वह टालमटोल करता रहा. आखिरकार उसने शादी से मना कर दिया. साथ ही वो उसे और उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी देने लगा.

मंदिर ले जाने के बहाने रेप

धमकी के डर से पीड़िता अपने बुआ के घर रहने लगी. आरोपी ने किसी तरह वहां का एड्रेस तलाश लिया. इसके बाद आरोपी अपने चचेरे भाई शुभम के साथ 12 दिसंबर 2018 को पीड़िता के पास पहुंचा और मामले को सुलझाने का वादा किया. इसके बाद इन सबने मंदिर जाकर मामले को सुलझाने की बात कही. इसके बाद दोनों आरोपी उसे मंदिर न ले जाकर खेत में ले गए और उसके साथ रेप किया.

कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज

पीड़िता ने 20 दिसंबर 2018 को इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक रायबरेली को रजिस्टर्ड चिट्ठी लिखकर की. लेकिन आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद कोर्ट ने केस दर्ज करने का आदेश दिया. मार्च 2019 में मामला दर्ज हुआ. पुलिस ने शिवम और शुभम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

जिंदा जलाया

2 दिसंबर को आरोपी ज़मानत पर रिहा हुआ. तीन दिन बाद यानी 5 दिसंबर को सुबह जब पीड़िता रायबरेली केस की पैरवी के लिए जाने वाली थी तो उन्होंने उसे केरोसिन तेल डालकर जिन्दा जला दिया.

90% जलकर भी 1 km तक दौड़ी पीड़िता

चश्मदीद के मुताबिक जिंदा जलाए जाने के बाद पीड़िता करीब एक किलोमीटर तक दौड़ते हुए उसके पास मदद के लिए पहुंची थी. इसके बाद उसके फोन से पीड़िता ने खुद ही 100 नंबर पर डायल किया और पुलिस को घटना की सूचना दी.

मौत से जंग

पुलिस ने तुरंत आरोपियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया. पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में भेजा गया. इसके बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल भेजा गया जहां शुक्रवार रात उसने आखिरी सांस ली.

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