कोलकत्ता: मरने के बाद भी कई लोगों को नई जिंदगी दे गया ये युवक

रक्तदान करना ही नही अंगदान करना भी महादान होता है।

Update: 2019-07-16 06:38 GMT

कोलकाता। लोग जीते जी तो रक्तदान कर पुण्य के भागी और लोगों को नई जिंदगी तो दे ही जाते है, लेकिन कुछ लोग मरने के बाद भी दूसरों को नई जिंदगी देने के पुण्य कार्य कर जाते है। लेकिन ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है जो मरने के बाद भी ऐसा करें। वही कोलकाता वासियों में ये क्रेज बढ़ता जा रहा है और वो लोग दूसरो को जागरुक भी कर रहे है। कोलकाता में एक बार फिर महानगर में एक युवक के ब्रेन डेड घोषित कर दिए जाने के बाद उसके परिजनों ने अंग दान किया है। उसके अंगों से छह लोगों को नई जिंदगी मिलेगी।

बतादें कि मेमारी में 10 जुलाई को बाइक से हुई सड़क दुर्घटना में चिन्मय घोष नाम के एक युवक की हालत गंभीर हो गई थी। उसी दिन उसे कोलकाता के पार्क क्लीनिक नर्सिंग होम में भर्ती किया गया था। उसके बाद लगातार उसका इलाज चल रहा था लेकिन 15 जुलाई को देर रात चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। उसके बाद उसके परिजनों ने उसके अंगों को दान करने का निर्णय लिया। तुरंत अस्पताल की ओर से क्षेत्रीय अंगदान संगठन से सम्पर्क किया गया। उसके बाद युवक के अंगों को दान करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

बताया गया है कि चीनम्य का हृदय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक रोगी के शरीर में प्रतिस्थापित किया जाएगा। त्वचा, लीवर और एक किडनी एसएसकेएम अस्पताल में ले जाए जाएंगे यहां दो लोगों के शरीर में इसे प्रत्यारोपित किया जाएगा। इसके बाद एक किडनी को अपोलो अस्पताल ले जाएगा जहां रोगी के शरीर में प्रतिस्थापित होगा। उसके बाद उसकी दोनों कोर्निया को भी दान किया गया है जो दो अलग-अलग लोगों के शरीर में प्रतिस्थापित होंगे।

फिलहाल पुलिस ने अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया है और उसके अंगों को निकाल कर सुरक्षित उन अस्पतालों में पहुंचा दिया गया है जहां प्रत्यारोपित होना है। इस कदम से उन लोगों को नया जीवन मिला है, जो अपने जीवन को बचाने के लिए अंग प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे थे।

 

 

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