जानिए क्या होता है 'CDS' जिसकी कमान जनरल रावत को मिली,

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Update: 2019-12-31 11:21 GMT

नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं. इस पद पर आते ही उनके पास तीनों सेनाओं को आदेश जारी करने का अधिकार मिल गया है। जनरल रावत ने 31 दिसंबर (मंगलवार) को आर्मी चीफ के रूप में तीन साल पूरे किए।

बतादें कि रावत 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे। अब वह सीडीएस के तौर पर 2022 तक सेवा देंगे। उनकी मुख्य भूमिका तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) के बीच तालमेल बनाने की होगी। बुधवार यानि 1 जनवरी को सीडीएस के रूप में वह अपना कार्यकाल शुरू करेंगे. बिपिन रावत के रिटायर होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे देश के अगले सेनाध्यक्ष बने है।

इस बीच, अमेरिका ने उन्हें भारत का पहला सीडीएस बनने पर बधाई दी और कहा कि इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ेगा। अमेरिकी प्रधान उप सहायक सचिव (पीडीएएस) ऐलिस वेल्स ने अमेरिकी राजदूत केन जस्टर को रीट्वीट करते हुए कहा- जनरल रावत को पहले सीडीएस बनने पर बधाई।

सीडीएस दोनों देशों के सेनाओं के बीच ज्यादा से ज्यादा समन्वय बढ़ाने में मदद करेगा। हाल ही में 2+2 डायलॉग में इस पर चर्चा भी की गई थी। इसमें दोनों देशों के सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास या सूचनाओं को साझा करना शामिल है।

किस-किस देश में सीडीएस या इसके समकक्ष अधिकारी हैं

अमेरिका: यहां चेयरमैन ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) हमारे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के समकक्ष पद है और वह सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री को राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरिक सुरक्षा पर सलाह देता है। जनरल जोसेफ डनफोर्ड मौजूदा सीजेसीएससी हैं।

ब्रिटेन: यहां चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ही सेना का प्रोफेशनल हेड होता है। वह रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री का प्रमुख सुरक्षा सलाहकार होता है। वह मंत्रालय के स्थायी अवर सचिव के साथ मिलकर प्लानिंग और योजनाओं पर काम करता है। जनरल सर निक कार्टर मौजूदा सीडीएस हैं।

चीन: यहां ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट ऑफ द सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की सर्वोच्च संस्था है। यह सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के तहत काम करता है। इसका मुख्यालय बीजिंग में है। मौजूदा चीफ ऑफ ज्वाइंट स्टाफ जनरल ली जोउचेंग प्रमुख हैं।

फ्रांस: यहां चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मीज ही सभी सेनाओं का प्रमुख होता है। वही सभी तरह के सैन्य ऑपरेशनों का नेतृत्व करता है। प्लानिंग से लेकर एक्जीक्यूशन तक सारे ऑपरेशंस इन्हीं के जिम्मे हैं। अभी जनरल फ्रांकोसिस लैकोन्त्रे इस पद पर हैं।

क्या होता है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

आसान भाषा में कहें तो यह तीनों सेनाओं का सर्वोच्च पद होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ वह अकेला व्यक्ति होता है जो रक्षा योजनाओं और प्रबंधन पर सरकार को सलाह देता है। वह तीनों सेनाओं में कॉर्डिनेशन तो बनाएगा ही, साथ ही मैन पावर, उपकरण और एक्शन प्लान पर भी सरकार के संपर्क में रहेगा। किसी भी ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की ज्वाइंट मैनशिप भी सुनिश्चित करेगा। इससे इंटेलिजेंस ग्रिड और नेशनल सिक्योरिटी में तालमेल सुनिश्चित हो पाएगा। इस पद पर बैठा शख्स तीनों सेनाओं का उपयोग सुनिश्चित करेगा।

सीडीएस चुने जाने पर बोले जनरल रावत

जनरल रावत ने सीडीएस के रूप में किस योजना से काम करने वाले हैं, इस पर टिप्पणी करने से उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'सेना प्रमुख के रूप में, हमेशा मेरा ध्यान अपने काम पर रहा। मैंने कभी किसी और चीज के बारे में नहीं सोचा। अब जब मुझे एक नया काम सौंपा गया है, तो मैं इस बारे में सोचूंगा कि सीडीएस के रूप में क्या करना है।

रावत को यूं ही नहीं मिली चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की कमान

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को साझा सेनाओं की कमान यूं ही नहीं मिली। 2016 में सेना प्रमुख बने जनरल रावत 31 दिसंबर को इस पद से रिटायर होने के साथ ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का बैटन संभालने जा रहे हैं। अब भी वे तीनों सैन्य प्रमुखों की कमेटी के चेयरमैन हैं। सेना में अलग-अलग पदों पर रहते हुए उनके पास युद्ध और सामान्य परिस्थितियों का पर्याप्त अनुभव है। सीडीएस देश के रक्षा तंत्र में नई शुरुआत है और जनरल रावत की योग्यता और अनुभव ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते स्वतंत्रता दिवस पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति की घोषणा की थी। सीसीएस ने 24 दिसंबर को पद सृजन की मंजूरी दी थी। पीएम की घोषणा के बाद एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया था।

 

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