पूर्व आईएएस अधिकारी शक्ति कांत दास अब आरबीआई के नए गवर्नर होंगे. उन्हें उर्जित पटेल इस्तीफा देने के बाद रिजर्व बैंक आफ इंडिया का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है. इससे पहले आर्थिक मामलों के सचिव रह चुके हैं और मौजूदा समय में वित्त आयोग के सदस्य थे.
कौन है शक्ति कांत दास
शक्ति कांत दास 1980 बैच की तमिलनाडु के आईएएस अधिकारी है. नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में गतिविधियों को सामान्य बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा पूर्व अधिकारी शक्ति कांत दास को मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है. 61 वर्षीय शक्ति का दास की नियुक्ति 3 साल के लिए की गई है. यह जानकारी एक सरकारी आदेश के माध्यम से दी गई है. वह रिजर्व बैंक के 25 वें गवर्नर होंगे शशिकांत दास उर्जित पटेल का स्थान लेंगे.
जिन्होंने अप्रत्याशित रूप से सोमवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के पद से तुरंत इस्तीफा दे दिया. आरबीआई प्रमुख के पद पर 5 साल के बाद फिर से एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की गई है. इससे पहले रघुराम राजन 3 साल और ऊर्जित पटेल 2 साल यह दोनों अर्थशास्त्री थे. पहले माना जा रहा था कि सरकार रिजर्व बैंक के भीतर से ही किसी को संस्थान का प्रमुख चुनेगी, लेकिन पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1 दिन के भीतर ही रिजर्व बैंक के गवर्नर के लिए श्री शक्ति कानदास को चुना.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार ने उर्जित पटेल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इस बीच वित्त सचिव एन झा ने कहा कि शक्ति कानदास का राज्य सरकारों के साथ साथ केंद्र सरकार में भी व्यापक अनुभव रहा है. 1 मई 2017 में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग से सेवानिवृत हुए थे. नोटबंदी के समय अर्थव्यवस्था में नए नोट पहुंचाने का काम उन्होंने बखूबी निभाया था. नवंबर 2016 की रात अचानक 500 और ₹1000 के नोट बंद करने के बाद आर्थिक तंत्र की 86% मुद्रा को एक झटके में वापस ले लिया गया था.
इससे आर्थिक गतिविधियों को संभालने का काम काफी अहम था वित्त मंत्रालय से सेवानिवृत्ति के बाद दास को g20 में भारत का शेरपा बनाया गया, इसके साथ ही उन्हें 15वें वित्त आयोग का सदस्य बनाया गया. दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास से स्नातक दास को केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने के साथ ही वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का कार्यभार सौंपा गया था.
इसके बाद उन्हें आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किया गया वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के कामकाज में आरबीआई और मौद्रिक नीति की देखरेख भी आती है. गवर्नर का पद ज्यादातर नौकरशाहों के पास ही रहा है. केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल का विस्तार नहीं किया था. उनके जाने के बाद अर्थशास्त्री उर्जित पटेल को आरबीआई का प्रमुख बनाया. लेकिन उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद आरबीआई गवर्नर का एक बार समय से पहले खाली हो गया और फिर ब्यूरोक्रेट के सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के पास चला गया है.