Ela Bhatt Passes Away : पद्म भूषण विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता सेवा संस्थान की फाउंडर इला भट्ट का निधन

गांधीवादी विचारधारा का हमेशा प्रचार करने वालीं इला भट्ट का अहमदाबाद के अस्पताल में निधन हुआ है.;

Update: 2022-11-03 05:33 GMT

पद्म भूषण विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता और सेवा संस्थान की फाउंडर इला भट्ट का निधन हो गया है. 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली है. गांधीवादी विचारधारा का हमेशा प्रचार करने वालीं इला भट्ट का अहमदाबाद के अस्पताल में निधन हुआ है. महिलाओं को सशक्त करने में उनकी एक सक्रिय भूमिका रही थी, कई मुहिम के जरिए उन्होंने महिला अधिकारों के लिए लड़ा था.

1933 में जन्मी इला भट्ट ने अपने गृह नगर सूरत के सार्वजनिक गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने एमटीबी आर्ट्स कॉलेज से ग्रेजुएट किया था। एक योग्य वकील होने के साथ-साथ इला भट्ट ने साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक ट्रस्ट (एसएपीएमटी) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था।

कानून की डिग्री प्राप्त करने के एक साल बाद, भट्ट 1955 में टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन (टीएलए) नामक कपड़ा श्रमिकों के सबसे पुराने संघ के कानूनी विभाग में शामिल हो गईं। श्रमिक संगठन का गठन 1920 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में कपड़ा श्रमिकों की हड़ताल के मद्देनजर किया गया था। उन्होंने 1972 में सेवा संस्थान की स्थापना की थी। सेवा संस्थान 1972 में पंजीकृत सबसे बड़ी महिला सहकारी समितियों और राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों में से एक है।

गांधीजी से प्रेरित होकर, भट्ट ने SEWA संस्थान की स्थापना की। संस्थान ने 1974 में महिलाओं को छोटे ऋण प्रदान करने के लिए एक सहकारी बैंक की स्थापना की। भट्ट ने महिला विश्व बैंकिंग (डब्ल्यूडब्ल्यूबी) की भी सह-स्थापना की थी, जो माइक्रोफाइनेंस संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क है, जिसमें वह 1984-1988 तक अध्यक्ष रहीं। सामाजिक कार्यकर्ता को राज्यसभा सांसद नियुक्त किया गया था जहां उन्होंने 1989 तक सेवा की। वह विश्व बैंक जैसे संगठनों की सलाहकार भी थीं। 2007 में वह एल्डर्स में शामिल हो गईं। एल्डर्स मानव अधिकारों और शांति को बढ़ावा देने के लिए नेल्सन मंडेला द्वारा स्थापित विश्व नेताओं का एक समूह है। हाल ही में उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय गुजरात विद्यापीठ के कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया था।

वैसे उन्हें कई दूसरे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. इस लिस्ट में ग्लोबल फेयरनेस अवार्ड, रैडक्लिफ मेडल, राइट लाइवलीहुड अवार्ड शामिल हैं. जिंदगी के अलग-अलग पड़ाव पर इला अपने कार्यों के जरिए इन अवॉर्ड्स को जीतती रहीं. उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो इला ने 1956 में रमेश भट्ट से शादी की थी. उनके दो बच्चे हैं-अमीमयी और मिहिर. उनका पूरा परिवार अहमदाबाद में ही रहता है. इला भट्ट के निधन से राजनीतिक गलियारों में भी शोक की लहर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश जैसे कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

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