बजरंगबली जी को दलित बताने पर ब्राह्मण सभा ने CM योगी को भेजा नोटिस
CM योगी आदित्यनाथ ने अलवर के मालाखेड़ा में हुई चुनावी सभा में हनुमानजी को दलित बताया था?;
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने बीते मंगलवार को अलवर के मालाखेड़ा में हुई चुनावी सभा में हनुमानजी को दलित बताया था। इस बयान के बाद बुधवार को इस पर राजनीति गरमा गई। लखनऊ के संत-महंतों ने भी योगी के इस बयान को गलत बताया। इसके साथ ही 'राजस्थान सर्व ब्राह्मण महासभा' नाम के एक संगठन ने सीएम योगी को लीगल नोटिस भेजा है। इस नोटिस में तीन दिन में माफी मांगने की मांग की गई है। इसके साथ ही उन पर वोटों के लिए हनुमान जी की जाति को बीच में लाने का आरोप लगाया गया है। संगठन के प्रमुख सुरेश ने नोटिस में कहा है कि योगी आदित्यनाथ ने कई श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई
बता दें, सीएम योगी ने कहा था, 'बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं. भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पुरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं.' इसके बाद सीएम योगी के इस बयान की सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब आलोचना हो रही है. ट्विटर, फेसबुक पर कई तरह के मेम्स बनाए जा रहे हैं।
सीएम योगी ने इससे पहले भी हनुमान जी का जिक्र रैली को संबोधित करते हुए अपने भाषण में किया था। मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान उन्होंने एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था, 'कांग्रेस को केवल मुस्लिम वोटों की जरूरत है। कमलनाथ जी आप अपना अली रखिए, हमारे लिए बजरंग बली काफी है। '
गौरतलब है कि इससे पहले शहरों के नामों को लेकर भी योगी आदित्यनाथ विवादों में रहे हैं। राजस्थान के मकराना में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'कांग्रेस बांटने की राजनीति करती रही है, इसलिए उनके शासन में आंतकवाद चरम पर था। कभी कांग्रेस जिन आतंकियों को बिरयानी खिलाती थी, अब उन्हें हम लोग गोलियां खिला रहे हैं। '