यूपी में बिना जांच अब दर्ज नहीं होगी FIR, सीएम योगी ने दिया आदेश

उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़े समूह को बड़ी राहत दी है। इसके अनुसार अब ‌पुलिस को FIR दर्ज करने से पहले मामले की जांच करनी होगी। यहां पढ़ें पूरी खबर..

Update: 2023-08-19 07:53 GMT

सीएम योगी 

UP News: यूपी में FIR को लेकर बड़ी खबर है। FIR को लेकर सीएम योगी ने एक नया आदेश जारी किया है। जिसमें अब ‌पुलिस को FIR दर्ज करने से पहले मामले की जांच करनी होगी। यानी बिना जांच किए FIR दर्ज नहीं होगी। इसके लिए डीजीपी ने सभी जिलों के लिए आदेश भी जारी कर दिया है। सीएम योगी ने पुलिस पर नकेल कसते हुए एफआईआर से पहले जांच का आदेश दिया है। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट को जारी किए गए निर्देशों में कहा है ‌कि प्रदेश के विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए इज आफ डूइंग बिजनेस के प्रति शासन-प्रशासन दृढ़ संकल्पित है। ऐसे में किसी भी उद्यमी, व्यापारी, शैक्षिक संस्था, चिकित्सालय, भवन निर्माता और होटल-रेस्टोरेंट आदि के मालिक या प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों का उत्पीड़न न होने पाए। इसके तहत उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच होनी आवश्यक है।

हालांकि डीजीपी मुख्यालय ने यह भी स्‍पष्ट किया है कि इन निर्देशों का यह उद्देश्य नहीं है कि संज्ञेय अपराध घटित होने के प्रत्येक मामले में प्रारंभिक जांच कराई जाए। ऐसे मामले, जिनमें शिकायती प्रार्थना पत्र से संज्ञेय अपराध का होना स्पष्ट है, उन मामलों में हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी।

डीजीपी मुख्यालय का कहना है कि इन निर्देशों को जारी करने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि सिविल प्रकृति के विवादों को आपराधिक रंग देते हुए एफआईआर दर्ज कराने की प्रवृत्ति को कम किया जा सके तथा न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर एफआईआर दर्ज कराने के अभ्यस्त शिकायतकर्ताओं पर नियंत्रण पाया जा सके। इससे निवेशकों के लिए प्रतिकूल वातावरण होने से बचा जा सकेगा तथा राज्य को अधिक निवेश प्राप्त हो सकेगा।

डीजीपी मुख्यालय से आदेश दिया है कि सभी महत्वपूर्ण संस्थानों-प्रतिष्ठानों जैसे चिकित्सा, शिक्षा व विनिर्माण आदि में आकस्मिक दुर्घटनाओं में एफआईआर दर्ज करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रार्थना पत्र में नामित अभियुक्त का घटना से प्रत्यक्ष संबंध है या नहीं। कहीं आरोपी को व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता, विवाद या स्वेच्छाचारिता के कारण तो नामित नहीं किया जा रहा है या कहीं अनावश्यक दबाव या अनुचित लाभ के उद्देश्य से तो नामित नहीं किया गया है?

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